ऋषि सुनक फिर से ब्रिटिश प्रधानमंत्री की रेस में
ब्रिटेन में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। करीब एक महीने पहले ही ब्रिटेन की प्रधानमंत्री चुनी गईं लिज ट्रस की कुर्सी खतरे में आती दिखाई दे रही है। इसके पीछे वजहों में, लिज ट्रस का लगातार अपने फैसले बदलना भी है।
असल में जिन वादों के दम पर ट्रस ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी हासिल की थी, अब वह उन्हीं को पलट रही हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, ट्रस ने अपने वित्तमंत्री को भी पद से हटा दिया है। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक ट्रस सत्ता पर अपनी पकड़ खोना नहीं चाहती हैं। यही वजह है कि उन्होंने कॉरपोरेशन टैक्स में कटौती की अपनी योजनाओं को बदल दिया है। उधर महंगाई ने भी ब्रिटेन की हालत बेजार कर रखी है। बताया जा रहा है कि इन सारी चीजों ने ब्रिटेन में हलचल मचा रखी है। उधर सीनियर कंजर्वेटिव एमपी इस जुगत में हैं कि ट्रस को पीएम की कुर्सी से हटा दिया जाए। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ सांसद चाहते हैं कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री के इस्तीफे को लेकर आम लोगों के बीच जाना चाहिए। ऐसे में अगर ट्रस की कुर्सी जाती है तो नए ब्रिटिश पीएम की रेस में कौन आगे होगा, यह सवाल भी अब उठने लगा है। दिलचस्प बात यह है कि इस रेस में भारतीय मूल के उस ऋषि सुनक का भी नाम शामिल है, जिन्हें हाल ही में ट्रस ने मात दी थी। आइए एक नजर डालते हैं कुछ अन्य संभावितों पर....
ऋषि सुनक
ऋषि सुनक टोरी लीडरशिप की लड़ाई लिज ट्रस के हाथों आखिरी राउंड में हार गए थे। फिलहाल वह एक बार फिर से पीएम बनने की रेस में शामिल होते नजर आ रहे हैं। अगस्त में सुनक ने ट्रस के 30 बिलियन पाउंड के अनफंडेड टैक्स कटौती योजना की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि इससे लाखों लोगों की समस्या और ज्यादा बढ़ जाएगी। ऋषि ने कहा था कि पहले ही आर्थिक हालात अच्छे नहीं हैं और इसकी वजह महंगाई है। मुझे डर है कि लिज ट्रस की योजना हालात को और बदतर बनाएगी। बहरहाल, 2015 में पहली बार सांसद बनने वाले सुनक, बोरिस जॉनसन के ‘लीव ईयू’ कैंपेन के समर्थकों में से एक रहे हैं। हालांकि उनके ही विद्रोह के चलते बोरिस जॉनसन को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी और अब सुनक एक बार फिर से ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने की रेस में आगे हैं।
बोरिस जॉनसन
साल 2019 में कंजर्वेटिव पार्टी को बेहतरीन जीत दिलाने वाले बोरिस जॉनसन को बीते दिनों प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। ऐसा हुआ था उस खुलासे के बाद, जिसके मुताबिक उन्होंने प्रधानमंत्री निवास पर कोविड प्रतिबंधों का खुलासा किया था। इसमें बताया गया था कि जॉनसन ने 56वें जन्मदिन पर गैदरिंग की थी और इसके लिए पुलिस ने उनके ऊपर जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद उनके कैबिनेट से बड़े पैमाने पर इस्तीफे हुए थे। हालांकि बदलते हालात में वह एक बार फिर से प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं।
पेन्नी मोरडॉन्ट
हाउस ऑफ कॉमंस की नेता पेन्नी मोरडॉन्ट एक अन्य उम्मीदवार हैं, जो प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में हैं। बता दें कि जॉनसन के इस्तीफे के बाद मोरडॉन्ट भी ऋषि सुनक के साथ रेस में थीं। हालांकि पांचवें दौर के बाद उनकी जगह लिज ट्रस ने ले ली। 49 साल की मोरडॉन्ट ब्रिटेन की पहली डिफेंस सेक्रेट्री हैं। हालांकि इस पद पर वह महज, 85 दिनों तक ही रह पाई थीं। अपने इस छोटे कार्यकाल के दौरान मोरडॉन्ट कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे संबंधी बड़ा निर्णय लिया था।
बेन वॉलेस
रक्षा सचिव बेन वॉलेस एक अन्य टोरी नेता हैं जो अगले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बन सकते हैं। बोरिस जॉनसन के हटने के दौरान उन्हें संभावित उम्मीदवार बताया गया था, लेकिन तब उन्होंने टोरी लीडरशिप की रेस से बाहर रहने का फैसला किया था। हालांकि इसके लिए उन्होंने कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई थी। खास बात यह है कि जॉनसन के कैबिनेट के तमाम मंत्रियों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बावजूद वॉलेस अपने पद पर बने रहे थे। तब वॉलेस ने कहा था कि उनका यह कर्तव्य है कि वह देश को सुरक्षित रखें।
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