Social media::सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स हो जाएं सावधान, इस नियम को तोड़े तो देना होगा 10 लाख का जुर्माना
सरकार जल्द ही सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक विस्तृत दिशा निर्देश जारी करेगी। इन प्रावधानों में पहली बार अपराधियों के लिए 10 लाख तक जुर्माना शामिल होगा। लेकिन बार-बार अपराध करने वाले अपराधियों के लिए 20 से 50 लाख रुपये तक जुर्माना बढ़ाया जा सकता है। आने वाले दस दिनों में सरकार इस संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी करेगी।
संबंधित अफसरों का कहना है कि इन नियमों के तहत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को किसी ब्रांड के प्रमोशन करने पर लिए गए भुगतान के बारे में भी खुलासा करना भी अनिवार्य होगा या उन्हें इस बात की जानकारी देनी होगी कि वे जिस उत्पाद या सेवा का प्रचार कर रहे हैं उनमें उनका किसी प्रकार का मौद्रिक हित है या नहीं। स्टार एंडोर्सर के लिए सरकार जून में भी इसी तरह का नियम लेकर आई थी, जिसमें भ्रामक विज्ञापन और मार्केटिंग संचार को जांचने के लिए कड़े प्रावधान किए गए थे। सूत्रों ने कहा कि सोशल मीडिया दिशा-निर्देश, भ्रामक विज्ञापनों और नकली विज्ञापन को रोकने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत होंगे।
सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को गलत समीक्षा लिखने या नकली उत्पादों का समर्थन करने या यहां तक कि पर्याप्त जांच और संतुलन के बिना किसी भी ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रशंसकों को उपयोग करने पर सख्ती से निपटा जाएगा। ये दिशा निर्देश सभी हितधारकों के के साथ व्यापक परामर्श के बाद लाए जा रहे हैं, जिसमें कंपनियां, ब्रांड और डिजिटल प्लेटफार्म के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। जहां ऐसे प्रभावशाली लोग सक्रिय पाए जाते हैं।
विज्ञापन अनुपालन विशेषज्ञ और भारतीय विज्ञापन मानक परिषद् से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार के इस कदम के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। क्योंकि भारत में इनफ्लुएंसर्स की मार्केटिंग बहुत तेजी से उभर रही है। यह एक ऐसा बाजार भी है जिसे सोशल मीडिया की प्रकृति के कारण ट्रैक करना बहुत मुश्किल है। कई बार यह देखा जाता है कि कम फॉलोअर वाला व्यक्ति भी सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री बना सकता है, जो वायरल हो सकती है और बड़ी सख्या में दर्शकों को प्रभावित कर सकती है। आज एक ऐसी स्थिति भी आ गई है जहां लगभग हर वर्ग में प्रभावशाली लोग उभर रहे हैं। ऐसे भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए मजबूत ढ़ांचे की जरूरत है। इधर, डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियों का अनुमान है कि भारत में प्रभावित करने वाली मार्केटिंग खंड का का आकार लगभग 1500 करोड़ रुपये है, जो सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच के कारण तेजी से बढ़ रहा है।
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