Sidhi News: आजीविका मिशन से जुड़कर महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर
आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाली महिलाएं समाज में अपनी एक नई पहचान बना रही हैं। आज वह स्वतः भी आत्मनिर्भर हैं और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही हैं। सीधी जिले के रामपुर नैकिन विकासखंड के ग्राम झलवार की रहने वाली ममता साहू ने अपनी स्वयं की पहचान स्थापित की है और समूह की दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्त्रोत बनकर आगे आ रही हैं।
समूह में जुड़ने से पहले ममता की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी। ममता के पति ग्राम से बाहर जाकर नौकरी करते थे और जो कुछ थोड़ा पैसा बचता था, उसी से अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते थे। एक दिन गाॅव के आजीविका मिशन की टीम द्वारा समूह बनाने हेतु ग्राम भ्रमण किया जा रहा था। उसी दौरान ममता की मुलाकात आजीविका मिशन के टीम सदस्यों से हुई टीम के समझाने के बाद ममता ने अपने जैसी 12 महिलाओं को जोड़कर स्व सहायता समूह का गठन किया। समूह से जुड़ने के बाद उन्हें रिवाल्विंग फण्ड की राशि एक हजार रुपए प्राप्त हुई। रिवाल्विंग फण्ड लौटाने के बाद उन्हें सी.आई.एफ. की राशि 10 हजार रुपए प्राप्त हुई जिसमें उन्होंने ग्राम में व्यवसायिक सब्जी उत्पादन का कार्य प्रारम्भ किया। उसकी अच्छी कमाई होने लगी और उसका आत्म विश्वास बढ़ा। सब्जी उत्पादन से उनका जीवन तो अच्छे से चलने लगा पर सभी आवश्यकताएं अभी भी पूरी नहीं हो पा रही थी जिस कारण ममता ने इण्डियन बैंक से अपने समूह से एक लाख रुपए का ऋण प्राप्त किया। उससे अगरबत्ती बनाने की मशीन खरीदी। व्यवसायिक सब्जी एवं अगरबत्ती बनाने से अब ममता की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हो गया है।
ममता बताती हैं कि उनकी मासिक आय 10 हजार से 12 हजार रुपए हो गई है। उनके बच्चे भी अब अच्छी स्कूलों में जाने लगे है। पति को भी अब बाहर नौकरी के लिए जाने की जरूरत नहीं पड़ती। अब सब परिवार खुशी से ग्राम में ही रहते हैं। ममता अपनी इस सफलता का श्रेय आजीविका मिशन एवं समूह को देती हैं।
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