देशभर में PFI के ठिकानों पर NIA की ताबड़तोड़ छापेमार कार्यवाही,11 राज्यों में 100 से अधिक कैडर आरेस्ट
देश में टेरर फंडिंग और कैंप चलाने के मामले में पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ आज यानी गुरुवार को बड़ा एक्शन देखने को मिला है. यूपी, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु समेत देश के करीब 11 राज्यों में एनआईए और ईडी की टीम ने पीएफआई के स्टेट से लेकर जिला स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी की है और उसके करीब 100 से अधिक कैडर को गिरफ्तार किया है.
एनआईए ने इसे 'अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान' करार दिया है. खुफिया विभाग ने जो अलर्ट जारी किया है, उसके मुताबिक, पीएफआई ने इस वक्त पुणे को अपना हब बनाया है, जिसमें कई ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी है. वहीं, दबे पांव SDPI भी जालना और औरंगाबाद में अपनी मेम्बरशिप ड्राइव चला रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनआईए यानी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण की अगुवाई में कई एजेंसियों ने गुरुवार सुबह 11 राज्यों में एक साथ छापे मारे और देश में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारियां केरल (22), महाराष्ट्र (20), कर्नाटक (20), तमिलनाडु (10), असम (9), उत्तर प्रदेश (8), आंध्र प्रदेश (5), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), दिल्ली (3) और राजस्थान (2) में की गईं. कई राज्यों में पीएफआई के हेड को गिरफ्तार किया गया है.
अभी गिरफ्तारियों का विवरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और 11 राज्यों के पुलिस बल ने गिरफ्तारियां की हैं. अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवदियों को कथित तौर पर धन मुहैया कराने, उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने में कथित तौर पर शामिल व्यक्तियों के परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं. एनआईए ने आतंकी गुटों को कथित तौर पर समर्थन देने वाले व्यक्तियों से जुड़े परिसरों पर छापे के बीच मंगलुरु स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) तथा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यालयों पर तड़के छापे मारे.
इंदौर से पीएफआई के 3 नेताओं को हिरासत में लिया गया
आतंकवाद के कथित वित्त पोषण के खिलाफ एनआईए की अगुवाई में छेड़े गए देशव्यापी अभियान के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन नेताओं को इंदौर से हिरासत में लिया गया है. अधिकारी ने विस्तृत विवरण दिए बगैर बताया कि एनआईए की अगुवाई वाले अभियान के तहत पीएफआई के तीन नेताओं को सदर बाजार क्षेत्र और अन्य इलाकों से बुधवार और बृहस्पतिवार की दरम्यानी रात हिरासत में लिया गया. अन्य अधिकारियों के मुताबिक आतंकवादियों को कथित तौर पर धन मुहैया कराने, उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने में शामिल व्यक्तियों के परिसरों पर एनआईए की अगुवाई में देश के अलग-अलग राज्यों में छापे मारे गए हैं.
क्या है पीएफआई
पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है. वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का प्रयास करने का दावा करता है. पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा, 'पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं. राज्य समिति के कार्यालय की भी तलाशी ली जा रही है। हम फासीवादी शासन द्वारा असंतोष की आवाज को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं.’
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही है जांच
ईडी देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों को भड़काने, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित महिला से कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में साजिश रचने और कुछ अन्य आरोपों को लेकर पीएफआई के कथित 'वित्तीय संबंधों' की तफ्तीश कर रही है. जांच एजेंसी ने लखनऊ में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं. ईडी ने पिछले साल फरवरी में धन शोधन के आरोपों पर पीएफआई और उसकी छात्र इकाई कैंपल फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के खिलाफ अपनी पहली प्राथमिकी दाखिल की थी. उसने दावा किया था कि पीएफआई के सदस्य हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद 'सांप्रदायिक दंगे भड़काना और आतंक का माहौल बनाना' चाहते थे.
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