मवेशियों में लंपी वायरस का कहर:जानें क्या है लंपी वायरस ?और इसके लक्षण, MP के भी कई जिला चपेट में
भारत के 12 से ज्यादा राज्यों में लंपी वायरस गायों पर कहर बनकर टूट पड़ा है। जिस तेजी से यह वायरस मवेशी को संक्रमित कर रहा है, इसे पशुओं का 'कोरोना' कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्य इस खतरनाक वायरस की चपेट में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान में हुआ है। अकेले राजस्थान में 37000 मवेशियों की मौत हो चुकी है, जबकि पूरे भारत में यह आंकड़ा 60 हजार के करीब है। इस वायरस के कारण प्रभावित राज्यों में दूध का उत्पादन भी घट गया है।
केन्द्र सरकार भी देशभर में 57000 मवेशियों की मौत की पुष्टि कर चुकी है। हालांकि वास्तविक संख्या इससे काफी ज्यादा बताई जा रही है। राजस्थान में सबसे ज्यादा इस वायरस का असर देखा गया। राजस्थान में लाखों की संख्या में मवेशी लंबी वायरस से संक्रमित हुए हैं। इसके दूध का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। वेबदुनिया के गुजरात संवाददाता के अनुसार राज्य में अब लंपी संक्रमण नियंत्रण में आ गया है, वहां 1600 के लगभग पशुओं की मौत हो चुकी है। केन्द्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को वैक्सीन भी उपलब्ध करवाई है।
जयपुर जिले में 2000 से ज्यादा पशुओं की मौत :
राजस्थान में जयपुर जिला पशुपालन विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. प्रवीण कुमार ने वेबदुनिया को बताया कि 9 सितंबर तक जिले में संक्रमित पशुओं की संख्या 50 हजार से अधिक है, जबकि 2000 से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है। वायरस के लक्षणों पर चर्चा करते हुए डॉ. प्रवीण ने कहा कि त्वचा पर गांठें होने के अलावा पशुओं को बुखार भी हो जाता है। इंसानों को इससे कोई खतरा नहीं है, लेकिन दूध का का उबालकर ही इस्तेमाल करना चाहिए।
मप्र के 10 जिलों में फैला लंपी :
मध्य प्रदेश के 10 जिलों में 2 हजार से ज्यादा पशु लंपी त्वचा रोग से पीड़ित हैं। प्रशासन ने इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित गांवों और जिलों में पशुओं के आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लंपी बीमारी से बचाव के लिए अधिक से अधिक पशुओं में आवश्यक टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। मध्य प्रदेश भोपाल में राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला में कंट्रोल रूम बनाया गया है। सरकार ने एमरजेंसी नंबर 0755-2767583 जारी किया है, जिस पर कॉल करके किसान परेशानियां बता सकते हैं।
क्या है लंपी वायरस? :
कैपरी पॉक्स वायरस को लंपी के तौर पर जाना जाता है। पशुओं की त्वचा पर फैलने वाले इस संक्रमण से त्वचा पर गांठें उभर आती हैं। इस वायरस की शुरुआत पॉक्सविरिडाए डबल स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस परिवार से होती है। इसे पॉक्स वायरस भी कहते हैं। इस परिवार में वर्तमान में 83 प्रजातियां हैं। इससे जुड़ी बीमारियों में स्मॉलपॉक्स यानी चेचक भी शामिल है। पशु स्वास्थ्य के लिए WHO ने इस बीमारी को अधिसूचित किया है। यह वायरस एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। कीट-पतंगे रोगवाहक का करते हैं, जो कि इस बीमारी को एक पशु से दूसरे पशु में फैला देते हैं।
लंपी के लक्षण :
आमतौर पर इस वायरस से संक्रमित पशु की त्वचा पर गांठें उभर आती हैं। इनमें पस भी पड़ जाता, जो कि यह वायरस महीनों तक बना रहता है। यह वायरस जानवर की लार, नाक के स्राव और दूध में भी पाया जा सकता है। इसके अलावा, पशुओं को बुखार आना, लसिका ग्रंथियों में सूजन आना, अत्यधिक लार आना और आंख आना आदि वायरस के अन्य लक्षण हैं। पशुओं में बीमारी फैलने पर उन्हें अलग रखने की सलाह दी जाती है। भारत में इस वायरस के लिए पशुओं के गोट पॉक्स वैक्सीन की डोज दी जा रही है।
0 टिप्पणियाँ