बंगाल में बवाल: भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प,कई नेता हिरासत में
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के मार्च के दौरान जमकर हंगामा हुआ है। कई जगहों पर पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प की खबरें हैं। पुलिस ने मार्च निकाल रहे नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, सांसद लोकेट चटर्जी और राहुल सिन्हा समेत तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
अधिकारी और पार्टी की लोकसभा सदस्य लॉकेट चटर्जी के नेतृत्व में शुरू किए गए मार्च को पुलिस बल ने विद्यासागर ब्रिज के प्रवेश बिंदु पर रोक दिया। इसे दूसरे हुगली ब्रिज के रूप में जाना जाता है, जो कोलकाता को निकटवर्ती हावड़ा जिले के मंदिरतला से जोड़ता है, जहां राज्य सचिवालय बना है। वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों के साथ विवाद होने के बाद शुभेंदु अधिकारी और लॉकेट चटर्जी दोनों को गिरफ्तार कर जेल वैन में डाल दिया गया। इस दौरान कुछ पुलिस वाहनों में आग भी लगा दी गई
ममता सरकार के खिलाफ बीजेपी के मार्च के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प भी होने की खबर है। संतरागाछी रेलवे स्टेशन पर बीजेपी समर्थकों और पुलिस बलों के बीच अलग-अलग झड़पें हुईं। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव के बाद रेलवे ट्रैक पर पथराव करना शुरू कर दिया। हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसूगैस के गोले दागे। झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि उन्हें रोकने के लिए जानबूझकर महिला पुलिसकर्मियों तैनात किया गया था। बाद में शुभेंदु और लॉकेट, दोनों को मध्य कोलकाता के लालबाजार में कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया। शुभेंदु ने इस घटनाक्रम पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "विपक्ष के नेता के साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं है। महिला कांस्टेबल लगातार मुझे धक्का दे रही थीं और वे तीन आईपीएस अधिकारियों ज्ञानवंत सिंह, आकाश मगरिया और सूर्यप्रताप यादव के निर्देशों पर ऐसा कर रही थीं।"
संयोग से, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को पूर्वी मिदनापुर और पश्चिमी मिदनापुर जिलों के तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर कोलकाता से बाहर हैं। शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री के कोलकाता से बाहर रहने का मजाक उड़ाते हुए कहा, "ममता बनर्जी ने बीजेपी की रैली को रोकने के लिए पूरे पुलिस बल को तैनात कर दिया और खुद डरकर कोलकाता से भाग गईं।"
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