नेत्रदानियों के परिजनों का जे एन मेडिकल कालेज में हुआ सम्मान ,संस्था के पदाधिकारियों को भी किया गया सम्मानित
जे एन मैडिकल कॉलेज अलीगढ़ के नेत्र विभाग ने नेत्र दान पखवाड़े के अन्तिम दिन नेत्रदानीयों के परिजनों को सम्मानित करने हेतु एक सफल गोष्ठी आयोजित की।
देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार देहदान कर्त्तव्य संस्था को मिले आमंत्रण पर डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में अनेकों पदाधिकारी व सदस्य अमुवि के नेत्र विभाग के लेक्चर थिएटर पहुंचे।
इस अवसर पर संरक्षक वयोवृद्ध समाज सेवी राजाराम मित्र ने कहा कि नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं होता है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूकता की आवश्यकता है ।
देहदान कर्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ ने कहा कि मुसलमानों को भी रूढ़ीवादिता से हटकर मानवीयता के लिए नेत्रदान हेतु आगे आना चाहिए। अलीगढ़ के ही नेत्रदानी जुनेद खान का उदाहरण देते हुए डा एस के गौड़ ने कहा कि मजहब नम्बर दो पर मानवता पहले है। हमें थोडी देर अपनी आंखें बन्द कर अह्सास करना चाहिये। की बिना आंखों के यह दुनिया कैसी लगेगी । एक अंधे व्यक्ति के दर्द को सोचते हुए कि हम कितना सहयोगी कदम उठाने जा रहे हैं।
सचिव डॉ जयंत शर्मा ने कहा कि संस्था इस मानवीय कदम में काफी सहयोगी सिद्ध हो रहीं है।
प्रमुख समाजसेवी एवम देहदान कर्तव्य संस्था के बहुत ही क्रियाशील सदस्य भुवनेश आधुनिक ने कहा कि
कि केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ मिलकर एक नया अनुबंध करे जिसमे नेत्रदान करने वाले व्यक्ति के परिजनों को विशेष व्यवस्था रखी जाए ।
कोषाध्यक्ष हितेष छाबड़ा ने कहा कि इस अभियान में जागरुकता की कमी है। फिर भी संस्था के सहयोग से कई सफल नेत्रदान हुए हैं ।
सह सचिव अजय सिंह ने कहा कि हमें नेत्रदान के प्रति जागरुक करना चाहिए। मीडिया प्रभारी डॉ डी के वर्मा ने कहा कि अभियान में मीडिया का अतुलनीय सहयोग मिल रहा है।
डॉ अमिताभ ने कहा कि य़ह अति प्रशंसनीय कार्य है ।
डॉ जिया सिद्दीकी ने कहा कि देहदान कर्त्तव्य संस्था मार्मिक कार्य कर रही है।
डॉ अदीव आलम ने कहा सी ए अनिल वार्ष्णेय ने इसे आइवा के नाम से शुरू किया था लेकिन अब इसे डॉ एस के गौड़ बखूबी अच्छे दंग ने निभा पा रहे हैं।
गोष्ठी का संचालन डॉ शाकिब ने किया।
इस अवसर पर डा0 साबिर , भुवनेश वार्ष्णेय , भोला शंकर वार्ष्णेय , बॉबी वार्ष्णेय , पार्षद हेमंत गुप्ता, धीरेन्द्र गुप्ता फोटो, एडवोकेट सौरभ अग्रवाल, सुबेदार सिंह राघव
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