राशन कार्ड धारको के लिए खुशखबरी:आयुष्मान कार्ड,अंत्योदय के नया नियम जारी
Ration card Holder Ayushman Card: राशन कार्ड धारकों की सुविधा को ध्यान में रखकर सरकार की तरफ से कई सुविधाएं शुरू की गई हैं. अब सरकार ने एक और कदम बढ़ाते हुए अंत्योदय कार्ड (antyodaya ration card) रखने वाले सभी परिवारों के लिए एक और सुविधा अनिवार्य कर दी है
सरकार ने फैसला किया है कि सभी अंत्योदय कार्ड धारकों (antyodaya ration card) के निशुल्क इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे. इसके लिए जिले और तहसील स्तर पर विशेष अभियान भी चल रहा है. अभियान के तहत अंत्योदय कार्ड धारक परिवार के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड (ayushman card) बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
सरकार की तरफ से जन सुविधा केंद्रों पर भी यह सुविधा मुहैया कराई जा रही है. आप अपना राशन कार्ड (antyodaya ration card) दिखाकर जन सुविधा केंद्र पर आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं. यूपी की योगी सरकार ने अंत्योदय कार्ड धारकों (antyodaya ration card) के आयुष्मान कार्ड बनाने का आदेश दे रखा है. यह अभियान जिला स्तर पर चलाया जा रहा है. पहले इसके अंतिम तिथि जुलाई में थी. लेकिन अब अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है. अभियान के तहत सभी अंत्योदय कार्ड धारकों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे.
अभी जिन अंत्योदय कार्ड धारकों (antyodaya ration card) के पास आयुष्मान कार्ड उपलब्ध नहीं है. वे संबंधित विभाग में जाकर अपनी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. पात्र लाभार्थी कार्ड मिलने के बाद जन सेवा केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आयुष्मान पैनल से जुड़े प्राइवेट हॉस्पिटल या जिला अस्पताल में अंत्योदय राशन कार्ड दिखाकर परिवार के सभी सदस्यों के आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं.
फिलहाल सरकार की तरफ से नए आयुष्मान कार्ड (ayushman card) नहीं बनाए जा रहे. जिन लाभार्थियों के नाम पहले से योजना में हैं केवल उन्हीं के कार्ड बनाए जा रहे हैं. सरकार की योजना है कि अंत्योदय कार्ड धारकों को स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी होने पर इलाज के लिए भटकना नहीं पड़े. शासन स्तर से भी इसके लिए जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं.
गरीबी रेखा से नीचे (BPL) वाले परिवारों को अंत्योदय राशन कार्ड दिया जाता है. इस कार्ड के जरिये लाभार्थी को हर महीने सस्ती कीमत पर खाद्य सामग्री मिलती है. कार्डधारकों को कुल 35 किलोग्राम गेहूं और चावल दिया जाता है. इसके लिए गेहूं का 2 रुपये प्रति किलो और चावल का 3 रुपये प्रति किलो का भुगतान करना होता है.
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