MP News दीक्षांत समारोह: छात्राओं के सवाल,कलेक्टर, एसपी और
संभागीय अपर आयुक्त के जबाब
आईएएस, आईपीएस बनने के लिए सोशल मीडिया छोड़ किताबी अध्ययन करें: पुलिस अधीक्षक श्री नायक
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नारी सशक्तिकरण में छात्राओं का योगदान महत्वपूर्ण: श्रीमती पटले
सागर।
शिक्षक की नौकरी ही समाज को सही दिशा और दशा प्रदान करती है। शिक्षक से अच्छी कोई नौकरी नहीं। उक्त विचार कलेक्टर श्री दीपक आर्य शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय की दीक्षारंभ कार्यक्रम में बोलते हुए व्यक्त किए।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री तरुण नायक, संभागीय अपर आयुक्त श्रीमती शीतला पटले, संस्था की प्राचार्य डॉ. ईला तिवारी, डॉ. सुनील श्रीवास्तव, डॉ. रश्मि दुबे, डॉ. आनंद तिवारी, डॉ. प्रतिभा खरे, श्री अरविंद बोहरे, सहित महाविद्यालय की छात्राएं मौजूद थी।
कलेक्टर श्री आर्य ने दीक्षारंभ कार्यक्रम के अवसर पर बोलते हुए नव प्रवेशी छात्राओं से कहा कि शिक्षक की नौकरी ऐसी नौकरी है जो कि संपूर्ण समाज को नई दिशा एवं दशा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक समय एवं समय सारणी के अनुसार अपने कार्य को सुनिश्चित करता है उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में आकर मुझे अलग से ही आनंद प्राप्त हो रहा है और जब आप मुझसे सवाल-जवाब कर रही हैं तो मानो मैं ही स्वयं शिक्षक बन गया हूं।
पुलिस अधीक्षक श्री तरुण नायक ने अपने उद्बोधन में कहा कि सोशल मीडिया छोड़ किताबी ज्ञान के माध्यम से अध्ययन किया जाए तो आईएएस, आईपीएस आसानी से बना जा सकता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया अवश्य ही नई जानकारी प्रदान करता है किंतु जो किताबों में अध्ययन करने से जानकारी प्राप्त होती है, वह अत्यंत लाभदायक होती है ।
संभागीय अपर आयुक्त श्रीमती शीतला पटले ने कहा कि नारी सशक्तिकरण में छात्राओं का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि आज की छात्राएं कल कहीं शिक्षक कहीं कलेक्टर, कहीं पुलिस अधीक्षक बनेगी। उन्होंने कहा कि छात्राएं पूरा ध्यान लगाकर अपना अध्ययन कार्य करें एवं आगे बढ़े ।
छात्राओं के प्रश्न पूछने पर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं अपर आयुक्त ने उत्तर दिये महाविद्यालय की अधिकांश छात्राओं ने पूछा
प्रश्न
आईएएस, आईपीएस बनने के लिए क्या करना चाहिए -
उत्तर-
आईएएस, आईपीएस बनने के लिए सर्वप्रथम आप सभी यह सोचें कि आईएएस आईपीएस क्यों बनना है। पहले इस पर अपना मंथन करें उसके बाद जब आपका मन बोले तब पूरे दृढ़ निश्चय के साथ आईएएस, आईपीएस बनने की तैयारी प्रारंभ करें। संबंधित विषय के साथ-साथ जनरल नॉलेज ,समाचार पत्र ,कक्षा 1 से लेकर 12 तक की पुस्तकों का गहराई से अध्ययन से करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए छात्राओं को सोशल मीडिया से दूर रहना होगा और किताबी अध्ययन करना होगा।
प्रश्न:-
छात्राओं ने पूछा आईएएस, आईपीएस एवं शिक्षक की नौकरी में क्या अंतर है
उत्तर-
आईएएस, आईपीएस की नौकरी की कोई समय-सीमा नहीं होती और वह हमेशा सिर्फ काम के लिए कार्य करता रहता है। आईएएस आईपीएस शासन की विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित कराकर समाज को लाभान्वित करने का कार्य करता है, जबकि शिक्षक अपने परिवार के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के अलावा समाज को नई दिशा एवं दशा प्रदान करता है शिक्षक की दिनचर्या निश्चित होती है और उसी समय-सारणी के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करता है ।
प्रश्न:-
छात्राओं द्वारा पूछा गया कि जब हमें लगने लगे कि हमारी हार हो रही है तो हमें क्या करना चाहिए
उत्तर-
हार कभी नहीं होती, हार सिर्फ दिमाग से होती है। हमें प्रयास करते रहना चाहिए। जो हो गया उसके पीछे नहीं जाना है। हमें आगे की सोचकर कार्य करते रहना है और अपनी मंजिल को पाना है। उन्होंने बताया कि आपको कार्यों में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। आप उन चुनौतियों का सामना करने से पूर्व से परिपक्व होते हैं और अपनी मंजिल प्राप्त करते हैं ।
प्रश्न:-
छात्राओं द्वारा पूछा गया कि परिवार, समाज सपोर्ट नहीं करता तो क्या करना चाहिए।
उत्तर-
संघर्ष के साथ आगे बढ़े कल आपका अवश्य सुनहरा होगा। आपकी मंजिलों में परिवार समाज कभी कभी बाधा अवश्य बनेगा किंतु जब आपके संघर्ष को देखा जाएगा तो आपके साथ एक दिन समाज व परिवार खड़ा रहेगा। आपको अपने उद्देश्य से नहीं भटकना है। उद्देश्य को केंद्र बिंदु मानकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है.।
कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री तरूण नायक, अपर आयुक्त श्रीमती शीतला पटले, ने महाविद्यालय की छात्राओं के अनेक प्रश्नों के उत्तर दिए। अतिथियों द्वारा नव प्रवेशी सहित समस्त छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गई।
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