निर्मला याज्ञनिक की आंखों से देख सकेंगे दो और लोग , देहदान कर अमर हो गई निर्मला याज्ञनिक

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निर्मला याज्ञनिक की आंखों से देख सकेंगे दो और लोग , देहदान कर अमर हो गई निर्मला याज्ञनिक


निर्मला याज्ञनिक की आंखों से देख सकेंगे दो और लोग , देहदान कर अमर हो गई निर्मला याज्ञनिक

देहदान कर्तव्य संस्था के सहयोग से जे एन मेडिकल कॉलेज को दान किया गया पार्थिव शरीर 

देहदान कर्त्तव्य संस्था के अथक प्रयास रंग ला रहे हैं । जीते जी रक्त दान , मृत्यु उपरांत नेत्रदान फिर देहदान का पवित्र उद्देश्य लेकर आगे बढ़ रही सामाजिक संस्था देहदान कर्तव्य संस्था के जागरूकता अभियान में लोग जुड़ रहे हैं ।
 देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार इसी श्रंखला में विश्व हिंदू परिषद के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष आलोक याज्ञनिक जी की माताजी निर्मला याज्ञनिक की आकस्मिक मृत्यु के उपरांत  परिवार ने नेत्रदान व देहदान का संकल्प पूर्ण किया ।  डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के पहले ही दिन सुरेन्द्र नगर निवासी आलोक याज्ञनिक की पूज्य माता 
निर्मला याज्ञनिक के निधन पर नेत्रदान व देहदान सफलतापूर्वक पूर्वक हुआ । विदित रहे  निर्मला याज्ञनिक जी ने संस्था की सदस्यता पहले से ही ले रखी थी। प्रमुख समाजसेवी व हिंदूवादी चेहरा विश्व हिंदू परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष आलोक याग्निक ने सबसे प्रथम देहदान कर्तव्य संस्था के संरक्षक राजाराम मित्र से संपर्क किया , साथ ही  प्रात: ही देहदान कर्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ को जानकारी दी। उन्होंने अविलम्ब जे एन मैडिकल कॉलेज की नेत्र विभाग व एनोटोमी विभाग को सूचना दी। टीम ने पूर्ण सहयोगी बन नेत्रदान  व देहदान करा दिया। 
इस अवसर पर डॉ एस के गौड़ ने याज्ञनिक परिवार का हार्दिक आभार प्रकट करते हुए संस्था की ओर से धन्यवाद करते हुए कहा कि मनुष्य का अन्तिम दिन मानवीय व सकारात्मक कदमों से पूरा हो तो सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है।
 सचिव डॉ जयंत शर्मा ने कहा कि याज्ञनिक परिवार ने नेत्रदान /देहदान कराकर  दो लोगों की ज़िंदगी में खुशियाँ ही नहीं भरी बल्कि कुशल चिकित्सक बनने हेतु शरीर दान भी किया। जो रूढ़ीवादिता से परे है। 
सदस्य दिलीप वार्ष्णेय ने वहाँ उपस्थित लोगों से इस अभियान में सहयोगी बनने की अपील की। 
इस सफल अभियान में डा0 एस के गौड़ , जयंत शर्मा , राजाराम मित्र , दिलीप वार्ष्णेय , भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक , डी के वर्मा , हितेश छावड़ा , आलोक याज्ञनिक , डॉ योगेश गुप्ता, डॉ जिया सिद्दीकी, डॉ शाकिब, डॉ dayyan,डॉ राजी , मुहo साबिर, समीम , फैसल, इमरान का सराहनीय सहयोग रहा ।

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