नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, श्री वार्ष्णेय मंदिर में नंदोत्सव की धूम
अलीगढ़ महानगर स्थित भव्य श्री वार्ष्णेय मंदिर में नंदोत्सव की धूम रही।
रविवार को सांयकाल हुए कार्यक्रम के लिए श्री वार्ष्णेय मंदिर को नंद गांव का स्वरूप प्रदान किया गया । नंद बाबा के यहां कान्हा के जन्मदिन पर यशोदा मैया ने खूब उपहार लुटाए तो सखियों ने भी खूब बधाई गाकर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया ।
श्री वार्ष्णेय मंदिर के प्रवक्ता भुवनेश आधुनिक के अनुसार
नंद बाबा बने अनिल कुमार वार्ष्णेय सासनी वालेऔर यशोदा बनी विजय लक्ष्मी वार्ष्णेय ने मोतियों की माला और लड्डू लुटाए। तो वहीं मंदिर व्यवस्थापक राधेश्याम गुप्ता ने भी इस खुशी में हाथी घोड़ा पालकी आदि उपहार लुटाए । समाजसेवी बृजेश कंटक ने सभी अतिथियों का स्वागत पटका पहनाकर किया । प्रसिद्ध भागवताचार्य श्री राघव जी आचार्य , मन्दिर महंत पंडित मनोज मिश्रा ने बधाई गीत प्रस्तुत किये । गिरधर वार्ष्णेय और लक्ष्मी वार्ष्णेय के बधाई गीत कान्हा की सुन के मैं आई यशोदा मैया दे दो बधाई और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की आदि बधाई गीतों से श्री वार्ष्णेय मंदिर परिसर देर रात्रि तक गुंजायमान होता रहा।
इस अवसर पर श्री राधे श्याम गुप्ता स्क्रैपवाले , अनिल कुमार वार्ष्णेय सासनी वाले , विजय लक्ष्मी वार्ष्णेय , एल डी वार्ष्णेय , सावित्री वार्ष्णेय पूर्व महापौर , शकुंतला भारती पूर्व महापौर , भुवनेश वार्ष्णेय , संजीव फन्नू , बृजेश कंटक , राजू गनपत , राजेश वार्ष्णेय सेंचुरी , अन्नू बीड़ी , राहुल स्क्रेप , अनुपम सज्जू , संजीव वैभव , अतुल सी ए , यतीश वार्ष्णेय , मिलिंद वार्ष्णेय , गुलाबचंद सुपारी वाले , कृष्ण कुमार सीटू , अमित शेखर सर्राफ, संतोष वार्ष्णेय डिब्बे वाले, नितिन स्वरुप वेबसाइट वाले , सुनील मित्तल, गिरधर गुप्ता, लक्ष्मी वार्ष्णेय, दुर्गेश वार्ष्णेय , उमेश सरकोंडा , पूनम सरकोंडा , अनूप गुप्ता , डॉ सुनील वार्ष्णेय, कमल गुप्ता गारमेंट्स , अंकित वार्ष्णेय , दीपांशु वार्ष्णेय , तन्मय वार्ष्णेय , निखिल वार्ष्णेय , बिरजू लाइट, बंटी जैसवाल , श्याम जी कपड़े वाले, गिरीश गुप्ता अंकुर वार्ष्णेय, सपना वार्ष्णेय ,दिव्यम वार्ष्णेय , सत्यप्रकाश वार्ष्णेय ,अशोक कुमार वार्ष्णेय , कमलेश वार्ष्णेय , विनोद कुमार वार्ष्णेय ,लता वार्ष्णेय , सुनील कुमार वार्ष्णेय , अंजलि वार्ष्णेय , उज्जवल , कशिश , माधव , सौम्या , राघव , केशव , राही , एकांत , गिरधर , श्रीनिका , राघव , सिद्धि , पार्थ , मुरारी , बनवारी , मृदुल, इशानी आदि बाल सखा के रूप में उपस्थित थे।
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