सीधी:नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड
माननीय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, जिला सीधी (म.प्र.) द्वारा विचारण उपरांत थाना कोतवाली सीधी के अपराध क्रमांक 469/17 में अभियुक्त, विनोद कुमार जायसवाल उर्फ राज पिता हिन्छलाल उम्र-28 वर्ष निवासी ग्राम नौढिया थाना कोतवाली जिला सीधी को धारा 5(j)(ii)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए अर्थदंड, धारा 363 भादवि के आरोप में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए अर्थदंड एवं धारा 366 भादवि के अपराध में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रूपए अर्थदंड की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त पैरवी श्रीमती भारती शर्मा, जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि दिनांक 09.06.17 को अभियोक्त्री के पिता ने थाना कोतवाली सीधी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह दिनांक 09.06.17 को प्रात: 8:00 बजे सुबह अपनी दुकान सीधी गया था। उसकी पत्नी एवं अभियोक्त्री घर पर थी। करीबन शाम 4 बजे उसकी पत्नी ने फोन करके बताई कि अभियोक्त्री घर में नहीं है, तब वह घर वापस जाकर आस-पास पता तलाश किया तथा अपने सभी रिश्तेरदारों के यहां पता किया, अभियोक्त्री का कुछ पता नहीं चला। उसकी पुत्री अभियोक्त्री को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर भगा ले गया। शिकायत पर कोतवाली सीधी के अपराध क्रमांक 469/17 अंतर्गत धारा भादवि की धारा 363 भादवि अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। दौरान विवेचना दिनांक 08.01.18 को अभियोक्त्री दस्तायाब हुई। अभियोक्त्रील ने यह बताया कि दिनांक 09.06.17 को करीब 1:00 बजे अभियुक्त विनोद कुमार जायसवाल अभियोक्त्री का अपहरण कर उसे अपने साथ सीधी से रीवा तथा रीवा से बाम्बे ले गया, उसके साथ जबरन गलत काम किया। मामले में धारा 376 भादवि एवं 5(j)(ii)/6 पॉक्सो एक्ट की धारा का ईजाफा किया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा सशक्तत पैरवी करते हुए अभियुक्त को अधिकतम सजा दिये जाने का निवेदन किया। विचारण पश्चात न्यायालयीन विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 50/18 में माननीय न्या यालय द्वारा अभियुक्तस विनोद कुमार जायसवाल को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया।
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