सरसो और सोयाबीन समेत कई खाने वाले तेल हो गए सस्ते, जानिए कितने रुपये की हुई गिरावट

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सरसो और सोयाबीन समेत कई खाने वाले तेल हो गए सस्ते, जानिए कितने रुपये की हुई गिरावट



सरसो और सोयाबीन समेत कई खाने वाले तेल हो गए सस्ते, जानिए कितने रुपये की हुई गिरावट



Edible Oil Price: ग्लोबल मार्केट में गिरावट के बीच तेल की कीमतों में बुधवार को गिरावट देखने को मिली है. दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, सीपीओ, बिनौला और पामोलीन तेल सहित अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई है. बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग आठ फीसदी की जोरदार गिरावट आई जबकि शिकॉगो एक्सचेंज फिलहाल 3.5 फीसदी की गिरावट रही है.

ग्लोबल मार्केट का दिख रहा असर

सूत्रों ने कहा कि विदेशों में तेल कीमतों की गिरावट से आयातक और तेल उद्योग को काफी नुकसान हो चुका है फिर भी देश के बाजारों में खाद्य तेलों की MRP नीचे नहीं आ रही है. कच्चे पामतेल का भाव पिछले डेढ़-दो महीने में घटकर आधा रह गया है. ग्लोबल कीमतों में गिरावट का फायदा आम उपभोक्ताओं को सुनिश्चित करने की मंशा के साथ सरकार की खाद्य तेल निकायों, तेल कंपनियों से लगभग तीन बैठकें हो चुकी हैं.

MRP पर दिया जाए ध्यान

देश के कुछ प्रमुख ब्रांड ने इस खाद्य तेल का एमआरपी 205-225 रुपये लीटर रखा हुआ है जबकि इसका एमआरपी अधिकतम 150-155 रुपये लीटर होना चाहिये. सूत्रों ने कहा कि सरकार ने बैठकों के परिणाम देख लिए हैं अब उसे एमआरपी को लेकर सीधी कार्रवाई करने के बारे में विचार करना चाहिये.


सूत्रों ने कहा कि जैतून का तेल महंगा होता है और इसका खाने के लिए उपभोग भी ऊंची आय वर्ग के लोग करते हैं. मध्यम वर्ग या सामान्य जन इस तेल का इस्तेमाल खाने के लिए शायद ही करते हैं. सूत्रों ने कहा कि ऐसे में इस तेल पर आयात शुल्क कम करने की तेल निकायों की मांग का कोई औचित्य नहीं है. सूत्रों ने कहा कि सरकार को तेल-तिलहन का प्रोडक्शन बढ़ाने के भरपूर प्रयास करने होंगे तभी इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है.


क्रेडिट: ABP

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