सीधी: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड
माननीय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, जिला सीधी (म.प्र.) द्वारा विचारण उपरांत थाना बहरी के अपराध क्रमांक 103/16 में अभियुक्त श्रीभान अगरिया पिता हीरामणि अगरिया उम्र-54 वर्ष निवासी ग्राम बदरखाड़ा थाना बहरी जिला सीधी को धारा 363 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए अर्थदंड, धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 अर्थदंड एवं धारा 5(I)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए जुर्माने की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि दिनांक 26.04.16 को पीडि़ता की मां ने रिपोर्ट इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 21.04.16 के सुबह 7-8 बजे फरियादिया के पति बंधा गए थे। फरियादिया स्वयं झरिया पानी लेने गई थी। घर में फरियादिया की अकेली लड़की थी। फरियादिया करीब 9 बजे झरिया से कपड़ा आदि नहा धोकर पानी लेकर वापस आई देखी तो फरियादिया की लड़की घर पर नहीं थी। आस-पास पता तलाश कर देखा तो मोहल्ले का आरोपी श्रीभान अगरिया भी अपने घर से लापता था, आरोपी ही निश्चित रूप से फरियादिया की नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर एवं पैसों का लालच देकर भगा कर ले गया। फरियादिया की शिकायत पर पुलिस थाना बहरी द्वारा अपराध क्र. 103/16 अंतर्गत धारा 363, 366, 376 भादवि एवं पॉक्सोि एक्ट ¾ के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान पाया गया कि आरोपी ने पीडि़ता को भिन्न–भिन्न जगह ले जाकर दिनांक 21.04.16 से दिनांक 27.04.16 तक अपने पास रखा एवं आरोपी द्वारा शादी का प्रलोभन देकर पीडि़ता के साथ जबरन उसके सहमति के बिना संभोग कर बलात्संग किया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा सशक्त पैरवी करते हुए अभियुक्त को अधिकतम सजा दिये जाने का निवेदन किया। विचारण पश्चात न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 76/16 में माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त श्रीभान अगरिया को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया।
0 टिप्पणियाँ