सीधी:नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड

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सीधी:नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड


सीधी:नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड



सीधी।
विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, जिला सीधी (म.प्र.) द्वारा विचारण उपरांत थाना रामपुर नैकिन के अपराध क्रमांक 182/19 में अभियुक्त देवशरण यादव पिता जगमंत यादव उम्र-38 वर्ष निवासी ग्राम घटोखर थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी को धारा 7/8 पॉक्सो् एक्ट  में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए अर्थदंड एवं धारा 3(1)(w)(i) एस सी एस टी एक्टा के अपराध में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए अर्थदंड की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त पैरवी *श्रीमती भारती शर्मा, जिला अभियोजन अधिकारी* के द्वारा की गई। 
जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि अभियोक्त्री ने अपनी मां के साथ थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 28.03.19 को करीब 10:00 बजे दिन को अभियोक्त्री अपने घर से गांव के दो अन्य लड़को के साथ बकरी चराने के लिए निकली थी। करीबन 12:00 बजे दोपहर जब अभियोक्त्री अपने घर के पीछे पहुंचकर बकरियां चरा रही थी, तभी उसकी बकरियां चरते-चरते भाग कर गांव के पंडित मस्टराईन के बाड़े में घुस गई। अभियोक्त्री उन्हें  निकालने के लिए दौड़कर मस्‍टराईन के बाड़े में गई तो वहां पर गांव के देवशरण यादव जो कि दूर के रिश्तेह में उसका चाचा लगता है, आकर अभियोक्त्री को पीछे से बुरी नीयत से पकड़ लिया। उसके सीने में हाथ लगाया। तब अभियोक्त्री ने चिल्लाने की कोशिश की तो अपने हाथ से उसका मुंह दबाकर उसे वहीं बाड़े में ही जमीन पर पटक दिया और उसके कपड़े उतारने लगा। तभी वहां पर अभियोक्त्री के साथ गए हुए लड़के वापस आ गए। तब उन्हें  देखकर देवशरण वहां से भाग गया। फिर अभियोक्त्री अपनी बकुरियां लेकर घर आ गई एवं सारी घटना अपनी मां को बताई। शिकायत पर पुलिस थाना रामपुर नैकिन के अपराध क्रमांक 182/19 अंतर्गत धारा 354 भादवि एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा सशक्त पैरवी करते हुए अभियुक्ति को अधिकतम सजा दिये जाने का निवेदन किया। विचारण पश्चात न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 32/19 में माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त देवशरण यादव को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया।

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