कहीं आपका बच्चा तो नही हो गया पोर्न एडिक्ट, इस तरीके से करें पहचान
जो जानकारियां पहले किताबों के पन्नों को पलटकर ली जाती थीं, वो अब एक सेकेंड के समय में गूगल से ढूंढ ली जाती हैं। जाहिर है इस सबका फायदा हमें खूब मिल भी रहा है, लेकिन कई मामलों में इसका नुकसान भी बड़े स्तर पर हमारे ऊपर पड़ा रहा है। और खासतौर पर इसकी चपेट में आ रहे बच्चों के लिए परेशानी वाली बात है।
अब मोबाइल और इंटरनेट का जमाना है। दुनियाभर की चीजें मोबाइल के एक क्लिक पर हाजिर हो जाती हैं। गूगल पर अगर गलत भी टाइप करते हैं तो वो अपने आप ठीक करके आपको जो ढूंढ रहे हैं वहां तक पहुंचा ही देता है।
जो जानकारियां पहले किताबों के पन्नों को पलटकर ली जाती थीं, वो अब एक सेकेंड के समय में गूगल से ढूंढ ली जाती हैं। जाहिर है इस सबका फायदा हमें खूब मिल भी रहा है, लेकिन कई मामलों में इसका नुकसान भी बड़े स्तर पर हमारे ऊपर पड़ा रहा है। और खासतौर पर इसकी चपेट में आ रहे बच्चों के लिए परेशानी वाली बात है। क्योंकि अगर गूगल पर एक क्लिक पर पढ़ाई से जुड़ी सामग्री मिल रही तो वहीं एक ही क्लिक पर एडल्ट फिल्में यानी पोर्न मूवीज का एक्सेस भी आसानी से मिल जाता है।
कहने के लिए हर पोर्न साइट पर एंटर होने से पहले इंसान की उम्र पूछी जाती है तो 18 साल से ऊपर होना जरूरी है लेकिन ये सब दिखावा है और सिर्फ एक ओके से बच्चा बी साइट तक पहुंच सकता है। ऐसे में अगर बच्चे को पोर्न की लत लग जाए तो स्थिति और खतरनाक हो जाती है। जो उसके भविष्य को खराब करने के लिए काफी है। इसलिए पेरेंट्स को खासतौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि क्या आपका बच्चा ज्यादा अकेला होकर मोबाइल तो नहीं चला रहा और अगर चला रहा है तो क्या उसमें देख रहा है।
कैसे पहचाने बच्चा पोर्न एडिक्ट तो नहीं
अगर आपका बच्चा मोबाइल या लैपटॉप पर हमेशा चिपका रहता है तो पहले जानें वो क्या करता है। क्या वो किसी गेम का लती है, हो सकता है उसे खेलने के लिए हमेशा चिपका रहता हो। हालांकि, वो भी उसके लिए काफी नुकसान दायक ही है। लेकिन गेम खेलने वाले बच्चे एकदम से किसी के आ जाने से असहज नहीं हो जाते और स्क्रीन को इधर या उधर नहीं छुपाते।
अगर इस तरह कुछ आपका बच्चा करता है तो हो सकता है वह उस पोर्न या कुछ गलत देख-पढ़ रहा हो। यहां आपको खुद पहचान करनी होगी, इसके लिए आपको अपने बच्चे की डेली आदतों और व्यव्हार को समझना होगा जो आपसे बेहतर कोई और नहीं जानता है। अगर मोबाइल या लैपटॉप चलाने के बाद उसके व्यव्हार में थोड़ा फर्क आ रहा है तो ध्यान दीजिए, वरना देरी बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है।
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