तेल के बाद सस्ती होगी चीनी, सरकार ने 1 जून से निर्यात पर रोक लगाई
बढ़ती महंगाई के बीच गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के बाद केंद्र सरकार ने अब चीनी को लेकर भी बड़ा फैसला ले लिया है. एक जून से चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लग जाएगा. सरकार का तर्क है कि बढ़ते चीनी दामों को रोकने और देश में इसकी सुचारू सप्लाई जारी रखने के लिए ये फैसला लिया गया है.
इस साल 31 अक्टूबर तक ये पाबंदी जारी रहने वाली है.
सरकार के इस फैसले को लेकर अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थीं. जिस तरह से चीनी के दाम बढ़ रहे थे, एक्सपर्ट मानकर चल रहे थे गेहूं के बाद चीनी निर्यात पर भी कैची चल सकती है. अब केंद्र सरकार ने उसी दिशा में कदम उठा दिया है. 1 जून से कुछ प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे. कहा जा रहा है कि चीनी सीजन (30 सितंबर 2022) के अंत में चीनी का क्लोजिंग स्टॉक 60-65 एलएमटी तक बना रहे, इसी वजह से सरकार ने निर्यात पर ये सख्त फैसला लिया है.
आसान शब्दों में सरकार इस बार अपने पास कम से कम दो से तीन महीने का अतिरिक्त चीनी स्टॉक रखना चाहती है जिससे देश के लोगों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके. वैसे आंकड़े बताते हैं कि देश ने भारी मात्रा में चीनी का निर्यात किया है. पिछले साल 60 LMT तक चीनी निर्यात का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन असल में 70 LMT चीनी एक्सपोर्ट कर दी गई. इसी तरह इस साल भी 82 LMT चीनी शुगर मिल से एक्सपोर्ट के लिए भेजी जा चुकी है, वहीं 78 LMT तो एक्सपोर्ट भी हो गई. इस साल का चीनी निर्यात अब तक का सबसे ज्यादा माना जा रहा है.
चीनी के दाम की बात करें तो वर्तमान में होलसेल बाजार में इसकी कीमत 3150 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है. वहीं रिटेल के दाम पर नजर डालें तो देश के अलग-अलग हिस्सों में इसका रेट 36 से 44 रुपये चल रहा है. सरकार की माने तो वो लंबे समय से चीनी के निर्यात से लेकर उसके प्रोडक्शन तक पर नजर बनाए हुए है. ऐसे में देश के लोगों को प्राथमिकता देते हुए निर्यात पर कुछ पाबंदियां लगाने का फैसला हुआ है.
वैसे सरकार ने अपने आदेश में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि ये पाबंदी सीएक्सएल और टीआरक्यू के तहत यूरोपीय संघ और अमेरिका को निर्यात की जा रही चीनी पर लागू नहीं होने वाली है. सीएक्सएल और टीआरक्यू के तहत इन क्षेत्रों में एक निर्धारित मात्रा में चीनी का एक्सपोर्ट किया जाता है. लेकिन इन देशों के अलावा कहीं और अभी चीनी एक्सपोर्ट नहीं होने वाला है. एक जून से भारत ने चीनी निर्यात को प्रतिबंधित श्रेणी में रख दिया है.
इस सब के अलावा केंद्र सरकार ने खाने के तेल पर बड़ा फैसला लिया है. 2 साल के लिए सरकार ने कस्टम ड्यूटी खत्म कर दी है. सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी खत्म की गई है. कृषि और बुनियादी शुल्क और विकास सेस भी खत्म किया गया है. सरकार की ओर से बताया गया कि क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सूरजमुखी के ऑयल के दो वित्तीय वर्ष (2022-23, 2023-24) के लिए प्रति साल 20 लाख मीट्रिक टन का आयात ड्यूटी फ्री किया गया है. इससे पहले सरकार की तरफ से पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सिलेंडर में राहत दी गई थी. केंद्र ने पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम की थी.
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