मस्क को रोकने के लिए Twiter बोर्ड ने चला दांव, जानिए क्या है ट्विटर बोर्ड की रणनीति?

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मस्क को रोकने के लिए Twiter बोर्ड ने चला दांव, जानिए क्या है ट्विटर बोर्ड की रणनीति?



मस्क को रोकने के लिए Twiter बोर्ड ने चला दांव, जानिए क्या है ट्विटर बोर्ड की रणनीति?



एलॉन मस्क (Elon Musk) के द्वारा ट्विटर (Twitter) के टेकओवर की कोशिश को रोकने के लिये ट्विटर बोर्ड ने भी अपनी दांव चल दिया है.

दुनिया के सबसे अमीर शख्स के ऑफर पर बोर्ड ने Poison Pill का सहारा लिया है. दरअसल Poison Pill एक खास रणनीति होती है जिसके तहत कंपनियां किसी भी शख्स या ग्रुप के द्वारा जबरन टेकओवर की कोशिश को नाकाम करने के लिये खास अधिकारों का इस्तेमाल करती हैं ट्विटर के बोर्ड (Twitter Board) ने आज इस योजना को एकमत से मंजूरी दे दी है. इससे पहले ट्विटर के एक बड़े निवेशक सऊदी के राजकुमार ने भी मस्क के ऑफर को खारिज कर दिया है. मस्क ने ट्विटर को खरीदने के लिये कैश में 54.2 डॉलर प्रति शेयर का ऑफर दिया था, मस्क ऊंचे ऑफर की मदद से सीधे निवेशकों से जरूरी हिस्सेदारी खरीदने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. इसी वजह से बोर्ड ने भी आज अपनी रणनीति सामने रख दी है

क्या है ट्विटर बोर्ड की रणनीति:-

ट्विटर बोर्ड ने आज सीमित समय के लिये एक शेयरहोल्डर राइट्स प्लान को मंजूरी दे दी है.ये राइट्स प्लान तब लागू होगा जब कोई व्यक्ति या ग्रुप ट्विटर के आउटस्टैंडिग कॉमन स्टॉक्स के 15 प्रतिशत शेयर की खरीद करेगा. इस प्लान के लागू होने से बाजार में नये शेयरों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी जिससे जबरन टेकओवर करने की कोशिश करने वाले की कुल स्टॉक्स में हिस्सेदारी गिर जाएगी और उसे और शेयर खरीदने पड़ेंगे जिससे डील अनुमान से महंगी हो जाएगी. इस राइट्स प्लान का लक्ष्य मस्क या किसी भी अन्य निवेशक के लिये कंपनी पर नियंत्रण को मुश्किल और महंगा बनाना है. आम तौर पर इस तरह की रणनीति से निवेशकों के बीच सही संदेश नहीं जाते. हालांकि जबरन टेकओर से कंपनी को बचाने के लिये बोर्ड और मैनेजमेंट ऐसे कदम उठाता है. बोर्ड के मुताबिक ये प्लान 14 अप्रैल 2023 तक लागू रहेगा. हालांकि बोर्ड ने साफ किया कि इस प्लान के बाद भी अगर बोर्ड को लगता है कि कोई सौदा निवेशकों और कंपनी के हित में है तो वो उस सौदे पर आगे बढ़ सकते हैं.मस्क के पास पहले से ही ट्विटर में 9 प्रतिशत शेयर हैं. और उन्होने बोर्ड में शामिल न होने के फैसले से संकेत दे दिये थे कि ट्विटर को लेकर उनकी अपनी योजनाएं हैं. दरअसल बोर्ड में शामिल होने पर वो एक सीमा से ज्यादा शेयर अपने पास नहीं रख सकते थे.

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