किडनी बीमारी वाले व्यक्ति को किसके पास जाना चाहिए,जानिए कितनी खतरनाक है यह बीमारी
अगर आपको डायबिटीज़ है तो इस सीरीज के पहले भाग को जरूर पढ़ें, कि आपको किस विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए. जर्नल ऑफ क्लीनिकल नेफ्रोलॉजी एंड रीनल केयर (Journal of Clinical Nephrology and Renal Care ) में प्रकाशित एक अध्ययन से किडनी की बीमारी की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. इस अध्ययन में कहा गया है कि भारत में क्रोनिक किडनीडिजीज (Chronic Kidney Diseases) के 40-60 फीसदी मामले मधुमेह (Diabetes)और उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के कारण होते हैं. सुमीत मंडल, सलाहकार-नेफ्रोलॉजिस्ट, मणिपाल अस्पताल, गुरुग्राम, ने टीवी 9 में छपी खबर के मुताबिक यह समस्या तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है, जब लोग नहीं जानते कि उनको सही परामर्श के लिए कहां जाना चाहिए.
अगर आपको किसी भी तरह की किडनी की समस्या है, तो आपको पहले किसी नेफ्रोलॉजिस्ट के पास जरूर जाना चाहिए. कुछ स्थितियों में लोग यूरोलॉजिस्ट (मूत्र रोग विशेषज्ञ) के पास जा सकते हैं: जैसे कि अगर किसी को गुर्दे की पथरी है, यूरीन के रास्ते में रुकावट है तो इससे किडनी पर असर पड़ता है, किडनी के ट्यूमर और किडनी में अल्सर की परेशानी हो सकती है. इसलिए ऐसे मामलों में यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए. किडनी से संबंधित अन्य सभी समस्याओं जैसे कि किडनी फेल, हाई यूरिया-क्रिएटिनिन और यूरीन में रक्त की उपस्थिति के लिए नेफ्रोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए.
लोग अगर बीमारी से अंजान हैं, तो ऐसे में क्या कदम उठाने चाहिए?
अगर किसी को किडनी की कोई समस्या है, तो सबसे पहले उसे नेफ्रोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए. लक्षणों के अनुसार, वहां टेस्ट कराया जााएगा और परिणामों के आधार पर तय होगा कि किसी यूरोलॉजिस्ट से परामर्श की आवश्यकता है या नहीं.
क्या मूत्र रोग विशेषज्ञ और नेफ्रोलॉजिस्ट के बीच के अंतर से रोगी को कोई फर्क पड़ता है?
यूरोलॉजिस्ट एक सर्जन होता है. किडनी की ज्यादातर बीमारियों में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है, इसलिए किसी व्यक्ति को पहले मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की जरूरत भी नहीं होती. यूरोलॉजिस्ट की जरूरत तब होती है, जब गुर्दे में स्टेंट डालना हो या गुर्दे की पथरी या ट्यूमर को निकालने की जरूरत हो. नेफ्रोलॉजिस्ट ही ये तय करता है कि मरीज को सर्जरी की जरूरत है या नहीं.
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