इंडोनेशिया बन्द करेगा पॉम ऑयल का निर्यात, जाने कैसे भारतीयों पर बढ़ेगा बोझ

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इंडोनेशिया बन्द करेगा पॉम ऑयल का निर्यात, जाने कैसे भारतीयों पर बढ़ेगा बोझ


इंडोनेशिया बन्द करेगा पॉम ऑयल का निर्यात, जाने कैसे भारतीयों पर बढ़ेगा बोझ




पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे भारतीयों पर और बोझ बढ़ने वाला है और इसकी वजह बना है इंडोनेशिया। घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए इंडोनेशिया ने 28 अप्रैल यानी आज से खाद्य तेल का निर्यात बंद करने का फैसला किया है।

इंडोनेशिया के इस फैसले का भारत पर बड़ा असर हो सकता है। क्योंकि भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है और अपनी जरूरत का 70 फीसदी खाद्य तेल इंडोनेशिया से आयात करता है। पाम तेल महंगा होने से न सिर्फ खाने के तेल महंगे हो जाएंगे बल्कि शैंपू-साबुन से लेकर केक, बिस्कुट और चॉकलेट तक के दाम बढ़ जाएंगे।



भारत पर इसका क्या असर होगा?

विशेषज्ञों का कहना है कि कई तेलों में तो पाम तेल मिलाया जाता है क्योंकि इसमें महक नहीं होती है। एफएमसीजी एवं सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियां भी बड़ी मात्रा में पाम तेल का इस्तेमाल करती हैं। भारत करीब 90 लाख टन पाम तेल खरीदता है। इसमें 70 फीसदी पाम तेल का आयात इंडोनेशिया से और 30 फीसदी पाम ऑयल मलेशिया से आता है। इंडोनेशिया से पाम तेल का निर्यात बंद होने के बाद मलयेशिया पर निर्भरता बढ़ेगी और खाद्य तेल के दाम 20 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। भारत में पहले से ही सोयाबीन, सरसों और सूरजमुखी के तेलों की कीमतें ज्यादा हैं। प्रतिबंध के बाद इनकी कीमतें और बढ़ेंगी।



देश में आठ फीसदी तक बढ़ सकते हैं खाद्य तेल के दाम, यहां होता है पाम तेल का इस्तेमाल

पाम तेल पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय वनस्पति तेल है दुनियाभर के करीब 50 फीसदी घरेलू उत्पादों में इसका इस्तेमाल होता है। पाम तेल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल खाने के तेल की तरह होता है। शैंपू, नहाने के साबुन, टूथपेस्ट, विटामिन की गोलियां, सौंदर्य प्रसाधन उत्पाद, केक और चॉकलेट आदि में भी इसका इस्तेमाल होता है।



इन कंपनियों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर

● हिंदुस्तान यूनीलिवर : कंपनी ने 2016 में बताया था कि वह हर साल 10 लाख टन कच्चे पाम तेल का इस्तेमाल उत्पादों में करती है। कंपनी साबुन, शैंपू, क्रीम, फेसवॉश सहित दर्जनों कॉस्मेटिक उत्पाद बनाती है।
● नेस्ले : किटकैट चॉकलेट बनाने वाली कंपनी ने 2020 में 4.53 लाख टन पाम तेल खरीदा था। इसमें अधिकतर इंडोनेशिया से खरीदे गए, जबकि कुछ मलयेशिया से आयात हुआ था।
● प्रॉक्टर एंड गैंबल : कंपनी ने 2020-21 में 6.05 लाख टन पाम तेल खरीदा था। ज्यादतर का इस्तेमाल होम केयर एवं सौंदर्य प्रसाधन के उत्पाद बनाने में किया गया।
● मॉन्डलेज इंटरनेशनल : ओरियो बिस्कुट बनाने वाली कंपनी भी अपने उत्पादों में इस्तेमाल करने के लिए भारी मात्रा में पाम तेल खरीदती है।
● लॉरियल : कंपनी अपने उत्पादों में पाम तेल का इस्तेमाल करती है। इसने 2021 में अपने उत्पादों में 310 टन पाम तेल का इस्तेमाल किया।

इंडोनेशिया पूरी दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। इस मामले में दूसरे नंबर पर है मलेशिया का नाम आता है। 2020-21 में भारत ने 83.1 लाख टन पाम तेल आयात किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि अब इंडोनेशिया के इस कदम के बाद भारत में पाम तेल का आयात बुरी तरह प्रभावित होगा, इसके लिए भारत को अब मलेशिया पर निर्भरता बढ़ानी होगी। ऐसे में आने वाले दिनों में देश में खाने के तेल का भाव और बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि भारत सरकार अब पाम तेल उत्पादन पर लगातार जोर दे रही है और नेशनल मिशन ऑफ एडिबल ऑयल के तहत 2025-26 तक भारत में पाम ऑयल का उत्पादन तीन गुना करने का लक्ष्य तय किया गया है।


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