कई जन्मों के पुण्य प्रताप से भागवत कथा सुनने का मिलता है अवसर: डॉ. अरुणाचार्य
ब्योहारी/ भोपाल। शहडोल जिले के ब्योहारी नगर-वार्ड क्र. 1 मुदरिया हनुमान मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में वृंदावन से आये हुए अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रिय भागवत कथा प्रवक्ता डॉ. अरुणाचार्य महाराज ने कथा के तीसरे दिन रोचक एवं प्रेरक प्रसंग सुनाए। भागवत कथा के महात्म्य का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि भागवत कथा एक जन्म के पुण्य प्रताप से संभव नहीं है बल्कि प्राणी मात्र के जन्म-जन्मांतर, कल्प- कल्पांतर एवं वर्ष- वर्षांतर के संचित पुण्य जब एकत्रित होते हैं तब जाकर कहीं भागवत कथा श्रवण करने का सुअवसर प्राप्त होता है। भागवत कथा 7 दिन में ही सुनने- सुनाने का अत्यधिक महत्व है। जिन्हें अपना जीवन मंगलमय बनाना है, वह भागवत कथा श्रवण करें। भागवत और भाग्य दोनों की राशि एक है, जिनके भाग्य बिगड़े हुए हैं उनका भागवत कथा सुनने से भाग्योदय होता है। डॉ. अरुणाचार्य ने आगे सती चरित्र की कथा का विस्तृत वर्णन करते हुए बताया कि जो सहन करता है वह महान होता है। दक्ष प्रजापति के यज्ञ में जाकर सती देखती है कि भोलेनाथ का कोई स्थान नहीं है तो उन्होंने जाकर यज्ञशाला की परिक्रमा की और यज्ञकुंड में अपना शरीर आहुत कर दिया। महाराज ने आगे ध्रुव चरित्र- प्रहलाद चरित्र की कथा का वर्णन किया और बताया कि कल ठाकुर जी का जन्मोत्सव मनाया जायेगा। यह आयोजन आशीष ब्रह्मचारी के सानिध्य में आयोजन समिति के तत्वावधान में संपादित हो रहा है। यहां लालजी शास्त्री के द्वारा प्रहलाद- नृसिंह की मनमोहक, दिव्य झांकी निकाली गई। यहां सीताराम उपाध्याय, सुरेन्द्र शुक्ल शिक्षक, प्राणेन्द्र उपाध्याय एडवोकेट, कृष्णमोहन निगम शिक्षक, सुखेन्द्र द्विवेदी एडवोकेट, हरिशंकर द्विवेदी,नारेन्द्र निगम, सतेन्द्र तिवारी, कृणमुरारी एडवोकेट, महेन्द्र सिंह, संतोष द्विवेदी, गजेन्द्र द्विवेदी, विकास तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन भागवत कथा श्रवण के लिये उपस्थित हुए।
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