एक्टर के साथ बेहतरीन डायरेक्टर साबित हुए अजय देवगन,सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म

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एक्टर के साथ बेहतरीन डायरेक्टर साबित हुए अजय देवगन,सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म



एक्टर के साथ बेहतरीन डायरेक्टर साबित हुए अजय देवगन,सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म


Runway 34 Movie Review: ये मूवी देखकर वाकई में ऐसा लगा की कहीं न कहीं बतौर डायरेक्टर अजय देवगन बिग बी का लिहाज करने के चक्कर में एक्टर अजय देवगन का थोड़ा नुकसान कर बैठे हैं.


बावजूद इसके 'रनवे 34' एक ऐसी मूवी है, जिसके शुरू होने से खत्म होने तक बस आप एक बार ही उठने की कोशिश कर सकते हैं और वो है इंटरवल का समय.

सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म

इस मूवी से अजय देवगन को वो मोटे तौर पर मिलने जा रहा है, जिसका उन्हें 14 साल से इंतजार था, यानी बतौर डायरेक्टर एक सुपर हिट मूवी देना, इस मूवी को देखकर ये लगता है कि ये उनका सपना पूरा करेगी, जो उन्हें 'यू, मी और हम' व 'शिवाय' से पूरा नहीं हो पाया. इस मूवी की कहानी एक सच्ची घटना से प्रेरित है, कुछ साल पहले घटी ये घटना एक बड़ी विमान दुर्घटना से जुड़ी है, जो होते होते रह गई. एक बार दोहा से कोचीन आ रही फ्लाइट को मौसम खराब होने के चलते पायलट ने त्रिवेंद्रम में उतारने का तय किया, लेकिन वहां भी अचानक से मौसम खराब हो गया और विजिबिलिटी जरूरत से ज्यादा कम हो गई और इस ऊहापोह में प्लेन का ईंधन खत्म हो गया. तब किसे पायलट ने जान पर खेलकर उसे उतारा और किस तरह अगले ही दिन पायलट और को पायलट को शाबाशी मिलने के बजाय एक उच्च स्तरीय जांच में घसीट लिया गया, यही इस मूवी में दिखाया गया है.

फिल्म के कैरेक्टर्स

इस मूवी में अजय देवगन ने पायलट विक्रांत खन्ना का रोल किया है और को पायलट तान्या अल्बुकर्की का रोल रकुल प्रीत सिंह ने किया है. 'दे दे प्यार दे' के बाद बहुत जल्दी में अजय देवगन के साथ रकुल प्रीत की ये दूसरी मूवी है, अजय ने पत्नी के रोल में आकांक्षा सिंह को लिए है, जो टीवी सीरियल 'ना बोले तुम ना मैने कुछ कहा' के लिए जानी जाती हैं. अमिताभ बच्चन का किरदार डीजीसीए की जांच कमेटी के तेज तर्रार अधिकारी नारायण का है, जो बाल की खाल निकालने में एक्सपर्ट हैं, लोगों को अपने सुबूतों, तर्कों और मनोवैज्ञानिक तरकीबों से दवाब में लाकर गलती करने पर मजबूर कर देता है.

बोमन ईरानी का किरदार

बोमन ईरानी का किरदार एयरलाइंस के मालिक का है, जो पहले तो अपने पायलट की वाहवाही के चलते एयरलाइंस के शेयर बढ़ते देखकर काफी खुश है, लेकिन बाद में जैसे जैसे जांच आगे बढ़ती है, होश खोने लगता है. शायद बोमन ईरानी को वो रोल मिला ही नहीं जिसमें वह खुद को दमदार तरीके से रख पाते. अंगिरा धर, कैरी मिनाती, आकांक्षा सिंह आदि के रोल ज्यादा बड़े नहीं थे, ऐसे में उन्होंने जो भी किया अपने दायरे में बेहतरीन किया. मूवी थी अजय देवगन की और अमिताभ बच्चन की और दोनों ने ही जबरदस्त तरीके से अपने किरदार को जीया.

अमिताभ के कैरेक्टर को दी मजबूती

इन दोनों के किरदार को डायरेक्टर अजय देवगन ने कुछ खास तरीके से डिजाइन भी किया, एक तरफ जहां अजय के किरदार को पहले से ज्यादा स्टाइलिश और कूलनेस दी, वहीं अमिताभ बच्चन के किरदार को थोड़ी ज्यादा शार्पनेस दी ताकि उनका किरदार हीरो के सामने ज्यादा मजबूत लगे. अजय का बारीक से बारीक चीजों को याद रखना, सिगरेट पीने के बहाने ढूंढना और मुश्किल से मुश्किल समय में भी दिमाग को ठंडा रखना उनके फैंस को पक्का पसंद आने वाला है. लेकिन जब क्लाइमैक्स में उनके फैंस इंतजार करेंगे कि अब ये कूलनेस तोड़े और बिग बी को करारे जवाब दे, तब लैंडिंग के लिए 'रनवे 34' चुनने की इनकी वजह और मॉडल फ्लाइट उड़ाकर वह जो पुराने विजुअल्स के साथ डेमो देते हैं, वो अंदाज प्रभावित तो करता है, लेकिन अंदर से लगता है कि और तगड़ा या मारक जवाब देना चाहिए था. लेकिन शायद वह बिग बी के किरदार को मजबूत ही रखना चाहते थे, सो लिहाज कर गए.

फिल्म का है बेहतरीन डायरेक्शन

कुल मिलाकर आप मूवी में यह तय नहीं कर पाएंगे कि डायरेक्टर अजय ज्यादा बेहतरीन हैं या एक्टर अजय. जिस तरह उन्होंने पूरी मूवी को दो हिस्सों में बांटकर पेसी बनाए रखा है, उससे उनकी काबिलियत पता चलती है. इंटरवल से पहले का पार्ट पूरी तरह रोमांच के नाम है, जो आपको हिलने नहीं देगा और इसलिए उन्होंने कई सारे बड़े किरदार इंटरवल से पहले लॉन्च ही नहीं किए ताकि इंटरवल के बाद भी आप सीट से उठ ना पाएं.

एक्टिंग में भी अजय और अमिताभ का तो कोई सानी ही नहीं है, लेकिन रकुल प्रीत उभर कर आई हैं. उनके हिस्से में एक्टिंग के लिए कई अच्छे सीन इस मूवी में आए हैं. एक बड़ा काम अजय के डायरेक्शन में ये देखने को मिला है कि कोई भी किरदार या सीन इसमें फालतू नहीं डाला गया है. फैमिली है लेकिन उससे जुड़े इमोशंस या सीन्स फिल्म की गति को नहीं रोकते.


म्यूजिक भी मूवी के मिजाज से मेल खाता है, गाने जबरन ठूंसे हुए नहीं लगते हैं, सबसे खास है लैंडिंग के क्लाइमैक्स में शोर वाला बैकग्राउंड म्यूजिक हटाकर एक शांत सा धीमा म्यूजिक, जो उस सीन की गंभीरता को और भी बेहतर बना देता है, बढ़ा देता है.

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