बजट में किसानों, युवाओं, बेरोजगारों, गरीबों, कर्मचारियों, पेंशनर्स को ठगा गया- अजय सिंह
सीधी।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार के बजट में विजन का अभाव है| यह बजट अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति की जरूरतों को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है| पंद्रह हजार करोड़ पेट्रोल से कमाने वाली सरकार ने घाटे से उबरने के लिए कोई उपाय नहीं बताए हैं| सरकार पर दो लाख 55 हजार करोड़ का कर्ज है| मुख्यमंत्री शिवराजसिंह का 17 सालों का लंबा अनुभव बजट में कहीं भी दिखाई नहीं देता|
अजयसिंह ने कहा कि केंद्र के ई श्रम पोर्टल पर मध्यप्रदेश में बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ तीस लाख दर्ज है| बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई खाका बजट में नहीं है| लगभग एक लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं| किसानों को कोई राहत नहीं दी गई है बल्कि रबी की फसल बेचने आने वाले किसानों से ग्रेडिंग के लिए छनवाया जाएगा और इसका 20 रुपए प्रति क्विंटल उनसे चार्ज लिया जाएगा| होना यह चाहिए था कि मुख्यमंत्री एमएसपी पर बोनस घोषित करते| कर्मचारियों को बढ़े डीए का कोई प्रावधान बजट में नहीं है| प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनर्स भी डीए के लिए सरकार की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं| राजस्थान और छत्तीसगढ़ के समान पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए बजट में कुछ नहीं कहा गया है| सीनियर सिटीजन के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता स्पष्ट दिख रही है| बजट को देखकर ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के आसपास के अधिकारी भाजपा के तंत्र का हिस्सा बन गए हैं|
सिंह ने कहा कि शिक्षा के सुधार के लिए बजट में कोई ठोस प्रावधान नहीं है| आलम यह है कि पिछले दस सालों में 50 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है| नब्बे प्रतिशत कालेजों में प्राचार्य नहीं हैं और चार हजार पद सहायक प्राध्यापकों के खाली पड़े हैं| शराब के रेट घटाकर नशा मुक्ति अभियान की धज्जियां उड़ा दी गई हैं| पेट्रोल और गैस पर तो टैक्स बढ़ता ही जा रहा है लेकिन शराब पर घटाया जाएगा| कोरोना के बाद सरकार को स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने पर सबसे ज्यादा फोकस करना था, जो नहीं है| अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए भी नया कुछ नहीं है| सब गोल गोल बातें कही गई हैं| कुल मिलाकर बजट पूरी तरह लचर है|
0 टिप्पणियाँ