सीधी:शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कीर्म करने के आरोपी को सश्रम कारावास व अर्थदंड
सीधी:शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कीर्म करने के आरोपी को सश्रम कारावास व अर्थदंड
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सह तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सीधी द्वारा विचारण उपरांत थाना चुरहट के अपराध क्रमांक 459/2013 म.प्र. शासन विरूद्ध ददुआ उर्फ करन कोल के प्रकरण में दिनांक 25.03.2022 को अभियुक्त ददुआ उर्फ करन कोल पिता दुर्घट कोल उम्र-36 वर्ष निवासी ग्राम पचोखर थाना चुरहट जिला सीधी को धारा 376(1) भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदंड, धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदंड, धारा 363 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदंड एवं धारा ¾(1) पॉक्सो् एक्टा में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदंड की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि अभियोक्त्री के पिता ने थाना चुरहट में आरोपी के विरूद्ध शंका के आधार पर इस आशय की रिपोर्ट लेख कराया कि उसकी पुत्री अभियोक्त्री जो कि पढ़ी-लिखी नहीं है। फरियादी के पड़ोस में श्यामलाल कोल रहती हैं, जिसका भाई ददुआ उर्फ करन कोल जो पचोखर का रहने वाला है, अपनी बहन के साथ रहता हैं। ददुआ कोल फरियादी की पुत्री से अक्सोर बातचीत करता था। एक-दो बार फरियादी ने आरोपी को मना किया कि उसकी पुत्री से बात मत करो, लेकिन आरोपी नहीं मानता था। दिनांक 23.10.13 को फरियादी और उसकी पत्नी बाहर कमाने गए थे। जब वापस आए तो फरियादी की पुत्री घर पर नहीं थी। सबसे पूछा, किसी से मालूम नहीं हुआ व पड़ोस का ददुआ उर्फ करन कोल भी नहीं था। आसपास व रिश्तेदारी में पता तलाश करने पर अभियोक्त्री के न मिलने पर अभियोक्त्री के पिता थाना चुरहट में उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई। फरियादी की शिकायत पर पुलिस थाना चुरहट द्वारा अपराध क्र. 459/2013 अंतर्गत धारा 363, 366, 376 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना दौरान पाया गया कि घटना दिनांक को आरोपी अभियोक्त्री को शादी का प्रलोभन देकर बहला-फुसला कर घर से भगाकर ले गया था एवं 01 वर्ष तक शादी का झांसा देकर अभियोक्त्री के साथ गलत काम किया। विवेचना दौरान पाया गया कि अभियोक्त्री नाबालिग थी, जिस कारण उक्त प्रकरण में धारा ¾ पॉक्सोे एक्ट का ईजाफा किया जाकर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा सशक्त पैरवी करते हुए अभियुक्त को अधिकतम सजा दिये जाने का निवेदन किया। विचारण पश्चात् न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 81/2020 में माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त ददुआ उर्फ करन कोल को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया।
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