मध्यप्रदेश:यूक्रेन से वापस लौटे भाई-बहन, परिवार में खुशियों का माहौल
सतना।भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों की बदौलत हम सकुशल अपने घर वापस लौट पाये हैं। यूक्रेन में छिड़े महायुद्ध के हालातो को देखकर बहुत डरे हुये थे। चाहकर भी वतन वापसी की संभावनायें नजर नहीं आ रहीं थी। तभी भारत सरकार ने तत्परता दिखाते हुये सहजता से हमे हमारे घर पहुंचाया। यात्रा के दौरान रास्ते भर हमे सरकार से मदद मिलती रही। कहीं कोई परेशानी नही हुई। इसके लिये हम सरकार के सदैव आभारी रहेंगे। ये कहना है यूक्रेन से शनिवार को सतना पहुंचे बांधवगढ़ कॉलोनी निवासी मेडीकल के छात्र ऋषभ श्रीवास्तव और उनकी बहन वैशाली श्रीवास्तव का।
ऋषभ और वैशाली के वापस सतना लौटने पर घरवालों ने फूल मालाओं से स्वागत किया। इस दौरान ऋषभ और वैशाली का परिवार अपनो बच्चो को अपने बीच पाकर भाव विव्हल हो गया। खुशी के कारण ऋषभ और वैशाली की मां शशि श्रीवास्तव और पिता अनूप श्रीवास्तव के आंसू थमने का नाम नही ले रहे थे। ऋषभ और वैशाली का पूरा परिवार तथा आस-पड़ोस के लोग उनका स्वागत करने और कुशलक्षेम पूंछने पहुंचे।
यूक्रेन में रूस के द्वारा किये गए हमले के दौरान का अनुभव बताते हुए ऋषभ ने बताया कि युद्ध शुरु होने के दो सप्ताह पहले ही वह अपनी बहन वैशाली के पास पोल्तावा पहुचें गये थे। हम जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने की तैयारी में लग गये। 28 फरवरी 2022 को बस द्वारा रोमानिया बॉर्डर के लिये रवाना हुये। एक मार्च 2022 को हम रोमानिया बॉर्डर पहुंचे। वहां भारतीय दूतावास के अधिकारियों द्वारा हमारे रुकने और खाने की समुचित व्यवस्था की गई थी। तीन दिन रोमानिया बॉर्डर में रुकने के पश्चात् हम 4 मार्च को इंडिगो एयरलाईन्स से भारत के लिये रवाना हुये और इसी दिन सुबह 4 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुचें। एयरपोर्ट में केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों ने स्वागत किया। रहने, खाने की समुचित व्यवस्था सरकार द्वारा की गई। सरकार द्वारा ऋषभ और वैशाली को रीवा-आनंद विहार एक्सप्रेस से सतना के लिये रवाना किया गया। दोनो भाई-बहन सकुशल अपने घर पहुंच चुके हैं। यूक्रेन से सकुशल वापसी पर ऋषभ और वैशाली और उनके माता-पिता ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हृदय से धन्यवाद दिया है। श्रीवास्तव परिवार का कहना है कि भारत सरकार मामले को गंभीरता से लेते हुये अगर तत्परता नहीं दिखाती, तो शायद इतनी सहजता से बिना किसी परेशानी के उनके बच्चों की वापसी नहीं हो पाती।
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