नारी से ही सृष्टि की रचना : गुरुदत्त शरण शुक्ल "मालिक"

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नारी से ही सृष्टि की रचना : गुरुदत्त शरण शुक्ल "मालिक"



नारी से ही सृष्टि की रचना : गुरुदत्त शरण शुक्ल "मालिक" 



कुचवाही में आयोजित महिला दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के बतौर पर उपस्थित रहे गुरुदत्त शरण शुक्ल "मालिक"

सीधी। महिला दिवस के अवसर पर आज सीधी जिले के ग्राम कुचवाही में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां मुख्य अतिथि के रूप में जनभागीदारी समिति के पूर्व अध्यक्ष गुरूदत्तशरण शुक्ल "मालिक" उपस्थित रहे। महिला दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरूदत्तशरण शुक्ल "मालिक" ने कहा कि आदिकाल से भारत के समाज में नारी को विशिष्ट स्थान दिया गया हैं। हिन्दू धर्म के ग्रंथों में स्त्री को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती हैं. हमारे साहित्य में भी नारी के गुणगान किये गये हैं। मान्यता है कि जहाँ नारी शक्ति का वास होता है वही देव निवास करते हैं। इस तरह सम्पूर्ण परिपेक्ष्य में नारी का स्थान सम्मानीय एवं पूजनीय था। प्राचीन ग्रंथों की यह उक्ति आज भी महत्वपूर्ण हैं। जितनी प्रासंगिकता उस दौर में थी आज भी हैं. क्योंकि नारी के बिना नर का अस्तित्व संभव नहीं हैं. समाज की इस आधी आबादी को नजरअंदाज करके कोई भी देश या समाज आगे नहीं बढ़ सकता हैं। नारी के प्रति हीन एवं निरादर के भाव समाज को गर्त में ही ले जाते हैं। मालिक ने कहा कि वैदिक काल से भारतीय नारी को समाज में उच्च स्थान प्राप्त था। प्राचीन काल की विदुषी महिलाओं में सीता, सती-सावित्री, अनसूया, गायत्री आदि सैकड़ों नारियो का नाम आज भी बड़े सम्मान के साथ लिया जाता हैं। उस समय के समाज में पूजा से लेकर प्रत्येक कार्य में नारी की उपस्थिति को अनिवार्य माना गया था। आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से मंडल अध्यक्ष दिनेश गुप्ता,अंजनी कुमार पांडेय, महेंद्र मिश्रा, राम राज गुप्ता, देवेंद्र शुक्ला, अंबुज मिश्रा, महेंद्र सिंह, संदीप झा, विजय गोस्वामी, प्रशांत मिश्रा, सुशील त्रिपाठी, नगीना वर्मा, उर्मिला सिंह गहरवार, अरुणा सिंह, संगीता मिश्रा, ललिता मिश्रा, सुधा तिवारी, भूटान रावत, सुरेश साहू, पुष्पेंद्र पांडेय, उमेश गुप्ता सहित भारी संख्या में महिला शक्ति उपस्थित रही।

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