सीधी:नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
माननीय विशेष न्याेयाधीश पॉक्सो् एक्ट सह तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सीधी द्वारा विचारण उपरांत थाना रामपुर नैकिन के अपराध क्रमांक 477/2020 म.प्र. शासन विरूद्ध करन बसोर के प्रकरण में दिनांक 11.03.2022 को अभियुक्त करन बसोर पिता मुरली बसोर उम्र-23 वर्ष निवासी ग्राम गुजरेड थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी को धारा 376AB भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए अर्थदंड, धारा 323(दो काउण्ट) भादवि में 06-06 माह का सश्रम कारावास एवं धारा 5(m)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए जुर्माने की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी *श्रीमती भारती शर्मा* के द्वारा की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि दिनांक 01.08.20 को दोपहर लगभग 3:00 बजे मुरली बसोर की सुअरी फरियादी के घर के अंदर घुसकर आटा खा ली थी, जिससे सुअरी दिनांक 02.08.20 के लगभग 8 बजे मुरली बसोर के घर में ही मरी हुई मिली। उसी बात को लेकर दिनांक 02.08.20 के लगभग 10:30 बजे मुरली बसोर जुर्माना भरने के लिए फरियादी को अपने घर के पास नीम के पेड़ के नीचे बुलाया, तब फरियादी अपने दो बच्चों के साथ नीम के पेड़ के पास गया, तभी मुरली बसोर का लड़का करन बसोर फरियादी से जुर्माने के रूप में तीस हजार रूपए की मांग की तो फरियादी ने रूपए देने से मना कर दिया। तब करन बसोर उसे एक झापड़ और एक लात मारा तो वह साईड में हो गया। फरियादी की पुत्री अभियोक्त्री जो वही खड़ी रही थी, करन बसोर ने अभियोक्त्री का एक हाथ व एक पैर पकड़कर जमीन में गिरा दिया व उसके योनिमार्ग में अंगुली डालकर उसके साथ बलात्संग एवं गुरूत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला किया, जिससे अभियोक्त्री रो पड़ी और उसके योनिमार्ग से खून बहने लगा। फरियादी की शिकायत पर पुलिस थाना रामपुर नैकिन द्वारा अपराध क्र. 477/2020 अंतर्गत धारा 376AB, 323 भादवि एवं 5m/6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालयीन विचारण के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा अभियुक्त के बचाव हेतु दो बचाव साक्षियों को न्यायालय के समक्ष साक्ष्य हेतु प्रस्तुत किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी *श्रीमती भारती शर्मा* के द्वारा सशक्त पैरवी करते हुए दोनों बचाव साक्षियों के साक्ष्य को खंडित कराते हुए अभियुक्त को अधिकतम सजा दिये जाने का निवेदन किया। विचारण पश्चात् न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 106/2020 में माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त करन बसोर को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया।
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