सीधी में नेशनल लोक अदालत 12 मार्च को, इन प्रकरणों का होगा निराकरण
प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा न्यायाधीशगण एवं जिला अधिवक्ता संघ के साथ बैठक आयोजित
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प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के अध्यक्ष अमिताभ मिश्र के मार्गदर्शन में वर्ष 2022 में आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालतों के क्रम में वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत का आयोजन दिनांक 12 मार्च 2022 को जिला न्यायालय सीधी तथा सिविल न्यायालय चुरहट, रामपुर नैकिन एवं मझौली में किया जायेगा। दिनांक 12 मार्च 2022 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु शनिवार को प्रधान जिला न्यायाधीश अमिताभ मिश्र की अध्यक्षता में समस्त न्यायाधीशगण तथा अधिवक्ताओं के बीच बैठक का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत के साथ मध्यस्थता के माध्यम से अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में हमारी सोच परिवर्तनशील होना चाहिए। न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों का जितनी जल्दी निराकरण होगा उतनी ही जल्दी पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं को लाभ प्राप्त होगा। श्री मिश्र ने कहा कि अधिवक्ताओं के सहयोग के बिना न्यायदान की प्रक्रिया अधूरी है। प्रधान जिला न्यायाधीश ने 12 मार्च को आयोजित नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों का सुलह एवं समझौते से निराकरण कराये जाने तथा विवाद विहीन समाज बनाने में सहयोग करने के लिए समस्त अधिवक्ताओं से अपील की। श्री मिश्र ने जिला न्यायालय परिसर में वर्ष 2022 में आयोजित होने वाली समस्त नेशनल लोक अदालतों की जानकारी प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी को निर्देशित किया।
जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि सीधी के समस्त अधिवक्तागण सहज और सरल हैं। वकालत एक कला है और सीधी के अभिभाषक इसके सर्वश्रेष्ठ कलाकार हैं। श्री सिंह ने कहा कि 12 मार्च को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में विशेषकर क्लेम प्रकरणों के निराकरण में अधिवक्ताओं द्वारा निःस्वार्थ रूप से सहयोग किया गया है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को तुरंत क्षतिपूर्ति प्राप्त हो जाये। सड़क दुर्घटना के मामलों में पीड़ितों को क्लेम दिये जाना लोक कल्याणकारी योजना है तथा इस पुनीत कार्य में समस्त अभिभाषकों जिसमें बीमा कंपनी तथा पीड़ित व्यक्ति के अभिभाषक शामिल है, का पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवीलाल सोनिया ने जानकारी देते हुये बताया कि इस वर्ष दिनांक 12 मार्च के बाद 14 मई, 13 अगस्त एवं 12 नवंबर को नेशनल लोक अदालतों का आयोजन किया जायेगा। अपर सत्र न्यायाधीश श्री ललित कुमार झा ने अपनी उद्बोधन में कहा कि लोक अदालत एवं मध्यस्थता वर्तमान समय की आवश्यकताएं हैं। इनके माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने पर पक्षकारों के समय एवं धन की बचत होती है साथ ही न्यायालयों पर लंबित केसो का बोझ कम होता है।
बैठक में अधिवक्ता उदय कमल मिश्रा, राकेश चतुर्वेदी, हरिकेवट, बाबूलाल पटेल, श्रीमती सुजाता मिश्रा ने लोक अदालत पर विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर पंचम जिला न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा, प्रथम जिला न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार, चतुर्थ जिला न्यायाधीश राजेश सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पक पाठक एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट लवकेश सिंह, प्रीति पाण्डेय, प्रदीप कुमार परिहार, शुभांषु ताम्रकार, विशद् गुप्ता, तथा अधिवक्ता ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, अर्जुन सिंह, देवेन्द्र सिंह परिहार, रामराज सिंह चंदेल, आदित्य प्रसाद शुक्ला, शेषमणि पटेल, रामकृपाल चतुर्वेदी,एच.एल. गुप्ता, सूर्यकांत पाण्डेय, शंकर दयाल शुक्ला, सूर्यमणि प्रसाद शुक्ला, सरला श्रीवास्तव एवं अन्य अधिवक्तागण उपस्थित रहे।
इससे पूर्व प्रधान जिला न्यायाधीश अमिताभ मिश्र ने नेशनल लोक अदालत के समुचित प्रचार-प्रसार हेतु प्रचार रथ को जिला न्यायालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रचार रथ तथा पंप्लेट्स वितरण के माध्यम से नेशनल लोक अदालत का प्रचार-प्रसार किया जावेगा। मध्यस्थता से निराकृत होने वाले प्रकरणों की समीक्षा के लिए प्रधान जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में मध्यस्थता मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह बघेल, प्रभारी शासकीय अधिवक्ता रमाशंकर द्विवेदी उपस्थित रहे।
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