UP विधानसभा चुनाव:पहले बनाया प्रत्याशी फिर 24 घण्टे अंदर काट दिया गया टिकट,फूट- फूट कर रोने लगे सपा नेता,भरा निर्दलीय पर्चा

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UP विधानसभा चुनाव:पहले बनाया प्रत्याशी फिर 24 घण्टे अंदर काट दिया गया टिकट,फूट- फूट कर रोने लगे सपा नेता,भरा निर्दलीय पर्चा


UP विधानसभा चुनाव:पहले बनाया प्रत्याशी फिर 24 घण्टे अंदर काट दिया गया टिकट,फूट- फूट कर रोने लगे सपा नेता,भरा निर्दलीय पर्चा


उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) में टिकट कटने से नेताओं का बागी होने का सिलसिला जारी है. इस लिस्ट में नया नाम देवरिया (Deoria) के रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र (Rudrapur Assembly Seat) से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रदीप यादव (Pradeep Yadav) का नाम भी जुड़ गया है.

प्रदीप यादव को टिकट देने के 24 घंटे बाद ही टिकट काट दिया. टिकट कटने से आहत सपा नेता प्रदीप यादव मीडिया के सामने फूट-फूटकर रो पड़े. सपा नेता प्रदीप यादव ने बगावत करके चुनाव लड़ने का एलान करने के साथ सपा प्रत्याशी को पांचवे नंबर पर पहुंचाने की धमकी भी दे डाली.

समाजवादी पार्टी ने रुद्रपुर विधानसभा से टिकट देकर प्रदीप यादव को प्रत्याशी बनाया, लेकिन 24 घण्टे के अंदर ही प्रदीप यादव का टिकट काटकर रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बना दिया. बता दें कि जब प्रदीप यादव टिकट लेकर रुद्रपुर पहुंचे तो सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. समर्थकों की भीड़ देखकर प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद डीआईजी, एसपी और डीएम से सपा नेता और उनके समर्थक उलझ गए और दोनों में नोकझोंक होने लगी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाअद 16 नामजद और 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

प्रदीप यादव बागी हो गए

उधर टिकट कटने के बाद प्रदीप यादव बागी हो गए और उन्होंने निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दिया. नामांकन करने के बाद प्रदीप यादव मीडिया के सामने खूब फूट-फूट कर रोने लगे और कहने लगे कि मेरा टिकट काटकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा अन्याय किया है. 2014 में उनके जुलूस में मैं घूम रहा था उस वक्त मेरा लड़का नदी में डूब कर मर गया. उसके बाद उन्होंने मुझे 2017 में भी टिकट देने का आश्वासन दिया, लेकिन 10 माह दौड़ाकर मुझे टिकट नहीं दिया. इस बार मुझे सपा से टिकट दिया लेकिन फिर टिकट काटकर रामभुआल निषाद को दे दिया. यदि टिकट काटना ही था तो टिकट क्यों दिया? अब मैं आम जनता के बीच में जाऊंगा, लेकिन मैं अखिलेश यादव से टिकट मांगने नहीं जाऊंगा.

समाजवादी पार्टी में रहने के सवाल पर उनका कहना था अब क्या समाजवादी पार्टी में रहेंगे अब तो उन्होंने मुझे बाहर निकाल दिया है, जिसे टिकट दिया गया है वह हिस्ट्रीशीटर और माफिया है. उसके ऊपर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. अखिलेश यादव कह रहे थे कि माफिया और अपराधियों को टिकट नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि मैं किसी भी गांव में रामभुआल को घुसने नहीं दूंगा. उसे चुनाव में पांचवें स्थान पर कर दूंगा. अगर ऐसा नहीं किया तो अपना कुर्ता टांग दूंगा.




क्रेडिट:News18

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