MP:जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने रिटायर्ड फौजी ने दी चेतावनी, कहा अपने हक की लड़ाई के लिए बंदूक उठानी पड़ेगी
ग्वालियर: बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत तो पार्लियामेंट में होते हैं. यह संवाद हमारी भ्रष्ट प्रशासनिक, राजनीतिक और न्यायिक व्यवस्था पर चोट करने के लिए काफी है.
मुरैना जिले की पहचान पान सिंह तोमर की कहानी से हर कोई वाकिफ है. ऐसा ही मामला ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान सामने आया. जहां एक रिटायर्ड फौजी ने कलेक्टर को चेतावनी दे डाली और कहा कि सिस्टम के माफिया और पुलिसवाले मुझे पान सिंह तोमर बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं. क्या मुझे अपने परिवार के हक की लड़ाई के लिए बंदूक उठाना पड़ेगी?
रिटायर्ड फौजी की इस बात को सुन कलेक्टर के भी होश उड़ गए. उन्होंने तत्काल क्षेत्रीय एसडीएम को मामले की पूरी जांच के आदेश दिए और दोषियों को उनके चैंबर में हाजिर करवाने का आदेश दे दिया. कलेक्टर के एक्शन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 2 दिन के अंदर फौजी को उनका प्लॉट पर उनका कब्जा दिलाने का फैसला दे दिया.
दरअसल ग्वालियर के लाल टिपारा गौशाला के पास रहने वाले रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर कलेक्टर की जनसुनवाई में कलेक्टर को बताया कि उनके द्वारा 2011 में साईं नगर में एक प्लॉट खरीदा था. लेकिन जब वह बीते अगस्त माह में 22 साल की फौजी की नौकरी पूरी कर रिटायर हुए और अपने प्लॉट पर अपना आशियाना तैयार करना चाहा, तो देखा कि वहां दबंगों ने इस पर कब्जा कर लिया है. फौजी ने प्लॉट बेचने वाले अरविंद जसवंत और भूपेंद्र बघेल पर इल्जाम लगाया है.
दबंगों ने फौजी को जान से मारने की धमकी
रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर का यह भी कहना हैं कि बदमाशों ने उस प्लॉट को कई बार रीसेल करते हुए बेच भी दिया. जिसके कारण वह जब भी अपने प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए पहुंचते है, तो वह उन्हें जान से मारने की धमकी देते है. कई बार थाने में इसकी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में उन्हें पान सिंह तोमर की तरह बागी होने पर मजबूर किया जा रहा है. यदि अब उन्हें प्रशासन और पुलिस से मदद नहीं मिलती है तो वह बंदूक उठाने को मजबूर हो जाएंगे.
क्रेडिट:Zee News
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