MP:यात्री टिकिट सुविधा केंद्र का लाइसेंस लेना हुआ और आसान,जानिए रेलवे ने नियमों में क्या किया बदलाव
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भोपाल। रेल मंत्रालय द्वारा पूर्व निर्धारित नीति में बदलाव किया गया है। नई नीति के अनुसार अब आसानी से अनुभवी एवं पात्र व्यक्ति आरक्षित एवं अनारक्षित टिकटों की बिक्री के लिए लायसेंस ले सकेंगे।
यही नहीं, लायसेंस का नवीनीकरण एक वर्ष के स्थान पर तीन वर्ष कर दिया गया है। नई नीति के तहत यात्री टिकट सुविधा केन्द्र का लाइसेंस लेने के लिये रजिस्ट्रेशन फीस पॉंच लाख के स्थान पर दो लाख रुपए, सुरक्षा राशि दो लाख के स्थान पर एक लाख रुपए, डाटा एक्सेस प्रभार एक लाख साठ हजार रुपए प्रतिवर्ष के स्थान पर अब एक लाख साठ हजार प्रति तीन वर्ष के लिए निर्धारित किया गया है।
अब सिर्फ दो वर्ष की अनुभव पात्रता
इसके अतिरिक्त यात्री टिकट सुविधा केन्द्र का लाइसेंस प्राप्त करने के लिये जन साधारण टिकट बुकिंग सेवक (जेटीबीएस), रेल ट्रेवल सर्विस एजेन्ट (आरटीएसए), रेल ट्रेवल एजेन्ट (आरटीए), आईआरसीटीसी ई-टिकटिंग प्रिंसिपल एजेंट एवं रिटेल सर्विस प्रोवाइडर को पॉंच वर्ष के अनुभव की पात्रता के स्थान पर अब दो वर्ष की अनुभव पात्रता निर्धारित की गई है। नई नीति के अनुसार आईआरसीटीसी ई-टिकटिंग के रिटेल सर्विस प्रोवाइडर को भी इस योजना में भाग लेने की पात्रता की सुविधा दी गई है।
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