हिंदी व्याकरण:संज्ञा की परिभाषा और प्रकार आसान भाषा में
संज्ञा
संज्ञा की परिभाषा
किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि तथा नाम के गुण, धर्म, स्वभाव का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहलाते हैं।
जैसे- श्याम, आम, मिठास, हाथी आदि। या -
वह विकारी शब्द जिससे किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध हो उसे संज्ञा कहते हैं। किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, स्थान, भाषा, अवस्था, गुण या दशा के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा शब्द का प्रयोग किसी वस्तु के लिए ना वस्तु के नाम के लिए होता है।
जैसे- हिमालय, राम, हनुमानगढ़, पुस्तक, बीमार, गाय
उदाहरण-
राहुल और अमित की दोस्ती स्कूल के समय से है।
गुजरात की राजधानी गांधी नगर है।
बुढ़ापे का समय सबसे ज्यादा खराब होता है।
अब तो पानी के भी पैसे देने पड़ते हैं।
काले घोड़े, सफेद घोड़ों से ज्यादा खूबसूरत होते हैं।
सच और झूठ के बीच का फर्क ही इंसानियत है।
मेरे छोटे भाई का नाम आर्यन है।
मुझे अब किसी पर विश्वास नहीं होता।
मैं बड़ा होकर फौज़ में जाना चाहता हूं।
संज्ञा के भेद
मुलयतः संज्ञा के तीन भेद होते है|
व्यक्तिवाचक संज्ञा
भाववाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा
परन्तु अंग्रेजी व्याकरण के कारन कुछ विद्वान संज्ञा के दो भेद (प्रकार) और मानते है |
द्रव्यवाचक संज्ञा
समूहवाचक या समुदायवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा:-
व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा
किसी भी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध कराने वाली संज्ञा ही व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाती हैं। यानी, व्यक्तिवाचक संज्ञा सभी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की संपूर्ण जाती में से ख़ास का नाम बताती हैं।
जैसे- भारत, चीन (स्थान), किताब, साइकिल (वस्तु), सुरेश,रमेश,महात्मा गाँधी (व्यक्ति) आदि।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण
रमेश बाहर खेल रहा है।
विकास फुटबॉल खेलता है।
राम मेरा दोस्त है।
मैंने आज एक अंग्रेजी की किताब खरीदी।
मुझे मराठी में बात करना बहुत पसंद है।
मैं अभी जापानी भाषा सीख रहा हूँ।
दिल्ली काफी पुराना शहर है।
विकास फुटबॉल खेलता है।
भारत में 22 भाषाएँ बोली जाती हैं।
मैं अमेरिका जाना चाहता हूँ।
मैं बेंगलुरु में रहता हूँ।
मुंबई एक स्मार्ट सिटी बन गया है।
आगरा में ताजमहल है।
भाववाचक संज्ञा:-
भाववाचक संज्ञा की परिभाषा
जो शब्द किसी चीज़ या पदार्थ की अवस्था, दशा या भाव का बोध कराते हैं, उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। या -
जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
ज्यादा दोड़ने से मुझे थकान हो जाती है।
लगातार परिश्रम करने से सफलता मिलेगी।
लगातार खेलने से मुझे थकान हो गई है।
गरीबी के कारण बहुत बच्चे स्कूल नहीं जा पाते।
तुम साहस करो तो यह काम हो सकता है।
उसकी आवाज़ में बहुत मिठास है।
अनेक संघर्षों के बाद हमें आज़ादी मिली है।
जातिवाचक संज्ञा:-
जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा
जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की संपूर्ण जाति का बोध कराते हैं, उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- मोबाइल, टीवी (वस्तु), गाँव, स्कूल (स्थान), आदमी, जानवर (प्राणी) आदि। या -
जिस संज्ञा शब्द से उसकी संपूर्ण जाति का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-मनुष्य, नदी, नगर, पर्वत, पशु, पक्षी, लड़का, कुत्ता, गाय, घोड़ा, भैंस, बकरी, नारी, गाँव आदि।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण
गाय: गाय बोलने से पहाड़ी, हरियाणवी, जर्सी, काली, सफ़ेद, देशी, विदेशी आदि सभी गायों का बोध आता है। अतः गाय जातिवाचक संज्ञा शब्द हुआ क्योंकि गाय जानवरों की एक जाती हुई।
लड़का: लड़का बोलने से सभी तरह के व सभी जगह के लड़कों का बोध होता है जैसे – रामु, श्यामू, विकास, आकाश, पीटर, मार्टिन, डेनियल, सिध्धू, परमिंदर आदि क्योंकि मनुष्य जाती में लड़का एक ख़ास अवस्था वाली जाती हुई।
पहाड़: यह शब्द किसी एक विशेष पहाड़ का बोध न कराकर दुनिया के सभी पहाड़ों का बोध करा रहा है। अतः पहाड़ एक जातिवाचक संज्ञा शब्द है।
शहर: यह एक स्थानसूचक जातिवाचक संज्ञा है। इसके अंतर्गत तमाम शहर आएंगे – दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, वाराणसी, पटना, कानपूर, लखनऊ सभी।
जातिवाचक संज्ञा के अन्य उदाहरण
स्कूल में बच्चे पढ़ते हैं।
बच्चे खिलौनों से खेल रहे हैं।
पेड़ों पर पक्षी बैठे हैं।
सड़क पर गाड़ियां चलती हैं।
कुत्ता एक वफादार जानवर होता है।
आजकल शहरों की जनसँख्या तेज़ी से बढ़ रही है।
द्रव्यवाचक संज्ञा:-
द्रव्यवाचक संज्ञा की परिभाषा
जो शब्द किसी धातु या द्रव्य का बोध करते हैं, द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- कोयला, पानी, तेल, घी आदि। या -
जिन संज्ञा-शब्दों से किसी धातु, द्रव्य आदि पदार्थों का बोध हो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-घी, तेल, सोना, चाँदी,पीतल, चावल, गेहूँ, कोयला, लोहा आदि। इस प्रकार संज्ञा के पाँच भेद हो गए, किन्तु अनेक विद्वान समुदायवाचक और द्रव्यवाचक संज्ञाओं को जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत ही मानते हैं, और यही उचित भी प्रतीत होता है।
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण:-
मेरे पास सोने के आभूषण हैं।
एक किलो तेल लेकर आओ।
मुझे दाल पसंद है।
हमे रोजाना फल खाने चाहिए।
मुझे पानी पीना है।
बाज़ार से सब्ज़ी लेकर आओ।
मेरा मोबाइल मुझे वापस दो।
हमें स्वस्थ रहने के लिए घी खाना चाहिए।
मुझे सोने का हार खरीदना है।
मुझे चांदी के आभूषण पसंद हैं।
लोहा बहुत कठोर पदार्थ है।
कोयले का रंग काला होता है।
मुझे दूध पीना बहुत पसंद है।
मीठे व्यंजनों में चीनी इस्तेमाल की जाती है।
आम को फलों का राजा कहा जाता है।
सबसे महंगा हीरा कोहिनूर है।
समूहवाचक संज्ञा
समूहवाचक संज्ञा की परिभाषा
जिन संज्ञा शब्दों से किसी भी व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है, उन शब्दों को समूहवाचक या समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- भीड़, पुस्तकालय, झुंड, सेना आदि। या -
जिन संज्ञा शब्दों से व्यक्तियों, वस्तुओं आदि के समूह का बोध हो उन्हें समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-सभा, कक्षा, सेना, भीड़, पुस्तकालय, दल आदि।
समुदायवाचक संज्ञा के उदाहरण:-
भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना है।
कल बस स्टैंड पर भीड़ जमा हो गयी।
मेरे परिवार में चार सदस्य हैं।
मुझे एक दर्जन केले खरीदने हैं।
भारतीय सेना विश्व की सबसे बड़ी सेना है।
मेरी पूरी कक्षा के विद्यार्थी घूमने जा रहे हैं।
जंगल में हिरणों का झूंड
अंगूरों का गुच्छा मीठा है |
मैंने फूलो का गुदस्ता खरीदा ।
मेरे परिवार में चार सदस्य हैं।
मेला देखने बहुत सारे लोग आए थे।
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