हिंदी व्याकरण:सर्वनाम की परिभाषा और प्रकार,जनिए सरल भाषा

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हिंदी व्याकरण:सर्वनाम की परिभाषा और प्रकार,जनिए सरल भाषा



हिंदी व्याकरण:सर्वनाम की परिभाषा और प्रकार,जनिए सरल भाषा


सर्वनाम की परिभाषा

सर्वनाम का अर्थ होता है – सब का नाम। जो शब्द संज्ञा के नामों की जगह प्रयुक्त होते हैं उसे सर्वनाम कहते हैं। अथार्त संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं अथार्त भाषा को प्रभावशाली बनाने के लिए जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं उसे सर्वनाम कहते हैं।

दूसरे शब्दों में- सर्वनाम उस विकारी शब्द को कहते है, जो पूर्वापरसंबध से किसी भी संज्ञा के बदले आता है।

सर्वनाम को संज्ञा के स्थान पर रखा जाता है। वाक्यों में सर्वनाम वह शब्द है जो किसी प्रश्नाधीन आदमी की जगह पर उपस्थित होता है।सर्वनाम केवल एक नाम नहीं बल्कि सबके नाम के बारे में बताती हैं। संज्ञा की पुनरुक्ति को दूर करने के लिए ही सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। हिंदी में कुल 11 मूल सर्वनाम होते हैं :- मैं , तू , यह , वह , आप , जो , सो , कौन , क्या , कोई , कुछ आदि।

सर्वनाम के उदाहरण:-

सीता ने गीता से कहा , मैं तुम्हे पुस्तक दूंगी।

सीता ने गीता से कहा , मैं बाजार जाती हूँ।

सोहन एक अच्छा विद्यार्थी है वह रोज स्कूल जाता है।

राम, मोहन के साथ उसके घर गया।



सर्वनाम के भेद:-

पुरुषवाचक सर्वनाम

निजवाचक सर्वनाम

निश्चयवाचक सर्वनाम

अनिश्चयवाचक सर्वनाम

संबंधवाचक सर्वनाम

प्रश्नवाचक सर्वनाम।

पुरुषवाचक सर्वनाम:-

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता द्वारा खुद के लिए या दुसरो के लिए किया जाता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – मैं, हम (वक्ता द्वारा खुद के लिए), तुम और आप (सुनने वाले के लिए) और यह, वह, ये, वे (किसी और के बारे में बात करने के लिए) आदि।

दूसरे शब्दों में- जिन शब्दों से व्यक्ति का बोध होता है उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसका प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा की जगह पर किया जाता है। इसका प्रयोग स्त्री और पुरुष दोनों के लिए किया जाता है। जिस सर्वनाम का प्रयोग सुननेवाले यानि श्रोता , कहने वाले यानि वक्ता और किसी और व्यक्ति के लिए होता है उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।

पुरुषवाचक सर्वनाम के उदाहरण

मैं फिल्म देखना चाहता हूँ।

मैं घर जाना चाहती हूँ।

आप कहते हैं तो ठीक ही होगा।

तुम जब तक आये तब तक वह चला गया।

आजकल आप कहाँ रहते हैं।

वह पढने में बहुत तेज है।

पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद

पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं -

उत्तमपुरुष

मध्यम पुरुष

अन्य पुरुष

उत्तमपुरुष: जिन शब्दों का प्रयोग कहने वाला खुद को प्रकट करने के लिए करता है उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं, अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला खुद के लिए करता है उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, हमारा, हम, मुझको, हमारी, मैंने, मेरा, मुझे आदि।

उदाहरण-

मैं स्कूल जाऊँगा।

हम मतदान नहीं करेंगे।

मध्यम पुरुष: जिन शब्दों को सुनने वाले के लिए प्रयोग किया जाता है उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला यानि वक्ता , सुनने वाले यानि की श्रोता के लिए प्रयोग करता है उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- तू, तुम, तुम्हे, आप, तुम्हारे, तुमने, आपने आदि।

उदाहरण- 

तुमने गृहकार्य नहीं किया है।

तुम सो जाओ।

अन्य पुरुष: जो व्यक्ति उपस्थित नही होता है वह वक्ता और श्रोता के लिए अन्य व्यक्ति होता है। जिन शब्दों का प्रयोग अन्य व्यक्तियों के लिए किया जाये वे सभी अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम होते हैं। अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला , सुनने वाले के अलावा जिसके लिए करता है उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। इनमें व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण भी शामिल हैं। जैसे- वे, यह, वह, इनका, इन्हें, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे आदि।

उदाहरण- 

वे मैच नही खेलेंगे।

उन्होंने कमर कस ली है।

निजवाचक सर्वनाम:-


निज शब्द का अर्थ होता है अपना और वाचक का अर्थ होता है बोध। अपनेपन का बोध करने वाले शब्दों को निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिन सर्वनामों का प्रयोग कर्ता के साथ अपने पन का बोध करने के लिए किया जाता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जहाँ पर वक्ता अपने या अपने आप शब्द का प्रयोग करता है वहाँ पर निजवाचक सर्वनाम होता है।

जैसे: हमें, तुम, अपने, आप, अपने आप, निजी, खुद, स्वंय आदि।

'आप' शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम-दोनों में होता है। जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग श्रोता के लिए हो वहाँ यह आदर-सूचक मध्यम पुरुष होता है और जहाँ ‘आप’  शब्द का प्रयोग अपने लिए हो वहाँ निजवाचक होता है।

निजवाचक सर्वनाम के उदाहरण

मैं अपने कपडे स्वयं धो लूँगा।

मैं वहां अपने आप चला जाऊंगा।

मैं खुद कुछ नहीं कर सकता, मुझे सहायता चाहिए।

ईश्वर भी उन्ही का साथ देता है जो अपनी मदद स्वयं करते हैं।

मुझे अपने से कुछ भी करने का मन नहीं करता है।

उसे अपना काम खुद करने दो।

वह गया है तो अपने आप आ जायेगा।

अगर तुम्हे खाना खाना है तो अपने आप बना लो।

निश्चयवाचक सर्वनाम:-


जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करे उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। इसमें यह , वह , वे , ये आदि का निश्चय रूप से बोध कराते हैं।

जैसे: वह मेरा गॉंव है। यह मेरी पुस्तक है। ये सेब हैं। ये पुस्तक रानी की है।

इसमें वह, यह, ये आदि शब्द निश्चित वस्तु की और संकेत कर रहे हैं।

निश्चयवाचक सर्वनाम के प्रकार

निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम

दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम

निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम: जो शब्द निकट या पास वाली वस्तुओं का निश्चित रूप से बोध कराएँ उन्हें निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे: यह मेरी पुस्तक है। ये मुझे बहुत पसंद है।

इसमें यह और ये निकट वाली वस्तु का बोध करा रही हैं।

दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम: जो शब्द दूर वाली वस्तुओं की ओर निश्चित रूप से संकेत करती है उसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे: वह मेरी पैन है। वे सेब हैं।

इसमें वह और वे दूर वाली वस्तुओं का बोध करा रहे हैं।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम:-


जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु आदि का निश्चयपूर्वक बोध न हो वहाँ पर अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

दूसरे शब्दों में- जो सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ऐसे संकेत करें कि उनकी स्थिति अनिश्चित या अस्पष्ट रहे, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है।

जैसे: कोई , कुछ , किसी , कौन , किसने , किन्ही को , किन्ही ने , जौन , तौन , जहाँ , वहाँ आदि।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण

मोहन! आज कोई तुमसे मिलने आया था।

पानी में कुछ गिर गया है।

द्वार पर कोई खड़ा है।

तुम्हारे लिए किसी का फोन है।

कुछ पत्र देख लिए गए हैं और कुछ देखने हैं।

मैं कुछ खाना चाहता हूँ।

रमेश बाज़ार से ‘कुछ’ लाया था।



संबंधवाचक सर्वनाम:-


जिन शब्दों से परस्पर संबंध का पता चले उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जिन शब्दों से दो पदों के बीच के संबंध का पता चले उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं। या -

जिन शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु का अहसास तो होता है, लेकिन उसका निश्चित रूप पता नहीं चलता उसे अनिश्चय वाचक सर्वनाम कहते हैं।

दूसरे शब्दों में- जो सर्वनाम वाक्य में प्रयुक्त किसी अन्य सर्वनाम से सम्बंधित हों, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते है।

जैसे: जैसी ,वैसी , जैसा , जो , जिसकी , सो , जिसने , तैसी , जहाँ , वहाँ , जिसकी , उसकी , जितना , उतना आदि।

संबंधवाचक सर्वनाम के उदाहरण

जैसी करनी वैसी भरनी।

जिसकी लाठी, उसकी भैंस।

जो सोवेगा सो खोवेगा जो जागेगा सो पावेगा।

जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा

यह वही लड़का है जो घर आया था।

जो बच्चे परिश्रम करते हैं वो सफल होते हैं।

यह वही पुस्तक है जो मुझे मिल नहीं मिल रही थी।

जो बच्चे मेहनत नहीं करेंगे, वे फेल हो जायेंगे।



प्रश्नवाचक सर्वनाम:-


जिन सर्वनाम शब्दों को प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग किया जाता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिन शब्दों से प्रश्न का बोध होता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। या -

जो सर्वनाम शब्द सवाल पूछने के लिए प्रयुक्त होते है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है।

सरल शब्दों में- प्रश्र करने के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग होता है, उन्हें 'प्रश्रवाचक सर्वनाम' कहते है।

जैसे: क्या, कौन, किसने, कैसे, किसका, किसको, किसलिए, कहाँ आदि।

प्रश्नवाचक सर्वनाम के उदाहरण

यह कौन है ?

टोकरी में क्या रखा है।

बाहर कौन खड़ा है।

तुम क्या खा रहे हो?

देखो तो कौन आया है?

तुम बाज़ार से क्या लाये हो?

मेरा बटुआ किसनें लिया?

तुम कहाँ जा रहे हो ?

तुम बाजार से क्या लाये ?

वह क्या कर रहा है ?

तुम रोज़ क्या करते हो ?

तुम्हारा यहाँ क्या काम है ?

उस लड़के का क्या नाम है ?

देखो दरवाजे पर कौन खड़ा है ?

आपने कल क्या खाया था ?

आप क्या काम करना सबसे ज़्यादा पसंद करते हैं?

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