सीधी:नाबालिक के साथ बलात्कार का प्रयत्न करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास
जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी / सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 571/18 म.प्र. शासन विरूद्ध सुरेश केवट के प्रकरण में माननीय तृतीय अपर सत्र न्यायालय सीधी द्वारा विचारण आरोप में अभियुक्त सुरेश केवट को धारा 376AB/511 भा.द.स. में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए जुर्माना की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।
प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि फरियादिया (अभियोक्त्री की मां) सा. बरमबाबा ठाकुर टोला का अपनी बच्ची उम्र 8 वर्ष की उपस्थित थाना आकर जवानी रिपोर्ट किया कि दिनांक 29/5/18 के सुबह करीबन 06.00 हम लोग पत्ती तोङने जंगल चले गये थे घर मे बच्चे थे दिन मे करीबन 11.00 बजे पत्ती तोङकर वापस घर आई तो मेरी बङी लङकी एवं जेठ की लङकी बताई कि पङोस का सुरेश केवट पिता रामधारी केवट मेरी बच्ची (अभियोक्त्री) को बिस्कुट देने के बहाने अपने घर ले गया एवं गलत नियत से कपङा उतारने लगा तब मेरी बच्ची (अभियोक्त्री) के चिल्लाने पर मेरी बडी लङकी एवं भतीजी लोग गई देखी तो मेरी बच्ची (अभियोक्त्री) का कपङा उतार दिया था हम लोगो को देखकर भाग गया यह बात मेरी बडी लङकी एवं भतीजी मुझे बताई है तब मै मेरी बच्ची (अभियोक्त्री) से पूछी तो मेरी बच्ची (अभियोक्त्री) भी सारी बात बताई। फरियादिया (अभियोक्त्री की मां) की शिकायत पर पुलिस थाना कोतवाली द्वारा अपराध क्र. 571/18 अंतर्गत धारा 354(B)भादवि एवं 3(1)(w)(i)3(2)(va) एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख किया गया जाकर विवेचना अंतर्गत धारा 9/10 पाक्सो एक्ट का इजाफा करते हुये अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 44/18 में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी *श्रीमती भारती शर्मा* द्वारा आरोप तर्क में उचित तर्क रखते हुये व्यक्त किया गया कि अभियुक्त के द्वारा अभियोक्त्री के साथ बलात्कार करने का प्रयत्न किया गया है जिस पर धारा 376AB/511 का आरोप विरचित किये जाने की अपील की, माननीय न्यायालय के द्वारा अभियोजन पक्ष के तर्क को ध्यान में रखते हुये धारा 376AB सहपठित धारा 511 भादवि, 9/10 पाक्सो एवं 3(1)(w)(i)3(2)(va) एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत आरोप विरचित किया गया। शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा विचारण के दौरान शसक्त पैरवी करते हुए आरोपी को अधिकतम सजा दिये जाने की अपील की गयी। विचारण पश्चात् अभियुक्त को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया, जिसके आधार पर अभियुक्त सुरेश केवट पिता रामधारी केवट उम्र-25 वर्ष निवासी बरमबाबा कोतवाली सीधी को धारा 376AB भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए जुर्माना की राशि से दण्डित किया गया।
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