अगर आपने भी की है यह गलती तो लौटानी होगी PM किसान योजना की 10वीं किस्त
नई दिल्ली । देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जनवरी 2022 को किसानों को बड़ी राहत दी गई थी। दरअसल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 1 जनवरी 2022 को किसानों के खाते में PM Kisan 10वीं किस्त की रकम भेजी गई थी। वहीं अब 7 लाख से ज्यादा हो अपात्र किसानों को वह रकम सरकार को वापस लौटानी होगी। ऐसा नहीं करने पर विधानसभा चुनाव के बाद अपात्र किसानों के खिलाफ नोटिस जारी किया जा सकता है।
नवीनतम जानकारी के अनुसार 7 लाख से अधिक किसानों को पीएम किसान योजना के तहत प्राप्त धन को वापस करना होगा क्योंकि वे अपात्र पाए गए हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जनवरी 2022 को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 10वीं किस्त जारी की थी। वहीँ अपात्र लाभार्थी या तो अन्य स्रोतों से आय सहित आयकर का भुगतान करते हैं या किसी अन्य कारण से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के पात्र नहीं हैं। एक अधिकारी ने कहा ऐसे अपात्र लाभार्थियों को राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने तक माफी दी जाएगी, लेकिन उसके बाद किसानों को नोटिस मिलना शुरू हो जाएगा कि वे स्वेच्छा से राशि चुकाने के लिए तैयार रहे या केंद्र सरकार के दिशानिर्देश अनुसार वसूली के लिए तैयार रहें। अधिकारी ने बताया कि कोई भी किसान, जो अपात्र या आयकर दाता पाया जाता है। उसे राशि वापस देना आवश्यक है। संबंधित राज्य के अधिकारियों को अपात्र/आयकर प्राप्तकर्ता किसानों को दिए गए धन की वसूली और केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा अंतिम रूप दी गई मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार भारत सरकार के खाते में जमा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस योजना के तहत 7.23 लाख अपात्र किसानों की पहचान की है। वहीं योजना के तहत नकद लाभ प्राप्त करने वाले अपात्र किसान आयकर दाता होते हुए इस योजना का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने कहा पूरे देश में ऐसे किसानों की संख्या 42.73 लाख होने का अनुमान लगाया गया था। राज्य सरकार को अपात्र किसानों से राशि वसूल कर केंद्र के खाते में जमा करने को कहा गया है। सरकार द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने और आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के कारण एक साल तक चले किसान आंदोलन के कारण अधिकारियों ने ऐसे अपात्र किसानों को नोटिस नहीं भेजे हैं। यूपी सरकार के एक मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील था लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करना होगा कि केवल पात्र लाभार्थी ही पीएम-किसान का लाभ उठाएं। इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को तीन किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये देती है। लगभग 2.50 करोड़ के साथ यूपी में लाभार्थियों की संख्या सबसे अधिक है।
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