दूल्हे ने दुल्हन को JCB से लेने बारात लेकर पहुंचा,जानिए क्या है पूरा मामला
शादियों में रिवाज (Rituals in wedding) है कि दूल्हा दुल्हन को लेने के लिए घोड़ी पर जाता है. परंपरा यह भी है कि दुल्हन डोली में आती है. वर्तमान समय में लक्जरी कारों से भी दूल्हा-दुल्हन शादी के बाद अपने घरों के लिए आते हैं.
पर यहां मामला कुछ अलग ही है
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में एक दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने JCB लेकर गया. इसकी वजह यह थी कि जिस रास्ते से बारात जानी थी, उस रास्ते पर तीन फीट से ज्यादा बर्फ जम गई थी.
दरअसल, डिग्री कॉलेज संगड़ाह के पास जावगा से बारात सौंफर गांव जाने वाली थी. संगड़ाह से 8 किलोमीटर आगे बर्फबारी (Snowfall) की वजह से सड़क बंद थी. यहां पहले तो जेसीबी से बर्फ हटाने की कोशिश की गई, मगर जब बात नहीं बनी तो जेसीबी में ही आधा दर्जन बराती सवार हो गए. गत रात्रि लौटते समय रास्ते से बर्फ हटाने के लिए 2 जेसीबी की व्यवस्था करनी पड़ी. सोमवार सुबह शादी की शेष रस्में हुईं.
दूल्हे के पिता जगत सिंह ने आगे जाने के लिए JCB मशीन का इंतजाम किया. JCB में दूल्हा विजय प्रकाश, भाई सुरेंद्र, पिता जगत सिंह, भागचंद व फोटोग्राफर सवार होकर 30 किलोमीटर तक का सफर तय कर रतवा गांव पहुंचे. वहां विवाह की सारी रस्में निभाईं और दुल्हन को लेकर वापस लौटे.
गिरिपार में भी दूल्हे को 100 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ा
गिरिपार क्षेत्र के गत्ताधार गांव में भी बारिश और बर्फबारी से सड़क बंद होने के कारण एक दूल्हे को करीब 100 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ा. यदि मार्ग बंद नहीं होता तो यह दूरी केवल 40 किलोमीटर ही थी. गताधार गांव से रविवार को दूल्हा रामलाल, भाई विरेंद्र, मामा गोपाल सिंह बरात लेकर दुल्हन को लेने करीब सौ किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय कर उपमंडल संगड़ाह के ग्राम डूंगी पहुंचे.
शनिवार से जारी है बर्फबारी का सिलसिला
उपमंडल संगड़ाह के ऊपरी हिस्सों मे शनिवार से बर्फबारी का सिलसिला जारी है. 2 से 3 फीट के करीब बर्फ के चलते डेढ़ दर्जन पंचायतों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. बर्फबारी के क्षेत्र की संगड़ाह-चौपाल, हरिपुरधार-नौहराधार, संगड़ाह-गत्ताधार व नौहराधार-संगड़ाह आदि सड़कों पर सोमवार को तीसरे दिन भी यातायात ठप रहा.
क्रेडिट: आज तक
0 टिप्पणियाँ