विधानसभा चुनाव:कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, राहुल गांधी के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए शामिल

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विधानसभा चुनाव:कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, राहुल गांधी के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए शामिल



विधानसभा चुनाव:कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, राहुल गांधी के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए शामिल



नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी आरपीएन सिंह (RPN Singh) बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने आज (मंगलवार को) ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. आरपीएन सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, धर्मेंद्र प्रधान और अन्य नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. सूत्रों के मुताबिक, आरपीएन सिंह बीजेपी (BJP) के टिकट पर पडरौना (Padrauna) सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं.
बीजेपी में शामिल होने के बाद आरपीएन सिंह ने कहा कि कुछ ही सालों में हमारे पीएम मोदी ने प्राचीन संस्कृति को 21वीं सदी से जोड़कर राष्ट्र के निर्माण में जो कार्य किया है वो पूरा राष्ट्र सराह रहा है. मैं 32 साल तक एक पार्टी में रहा लेकिन अब वो पार्टी वैसी नहीं रही है. मैं एक छोटे कार्यकर्ता के रूप में राष्ट्र के निर्माण के लिए कार्य करूंगा.


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा त्यागपत्र

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र की प्रति ट्विटर पर साझा की और कहा कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं... जय हिंद... उन्होंने इस्तीफे में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा है कि मैं राष्ट्र, लोगों और पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए आपका (सोनिया का) धन्यवाद करता हूं...


RPN सिंह ने थामा BJP का दामन 


उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में कहा, "मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। मुझे देश, लोगों और पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।" इस पर बौखलाई हुई कांग्रेस पार्टी ने भी आरपीएन सिंह को बता दिया।
कांग्रेस ने आरपीएन को बताया 'कायर'
कांग्रेस ने आरपीएन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान में जो लड़ाई वो लड़ रही है, उसे लड़ने के लिए साहस होना चाहिए और यह काम ‘कायर’ नहीं कर सकते। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा , ‘‘ मेरा मानना है कि जिस लड़ाई को कांग्रेस लड़ रही है, वो बहुत मुश्किल है। वो साहस और वीरता से लड़नी है। यह सच और सिद्धांतों की लड़ाई है। यह एजेंसियों के खिलाफ लड़ाई है। प्रियंका जी ने भी यह कहा है। मुझे नहीं लगता है कि लड़ाई कायर के लिए है। इसे लड़ने के लिए साहस होना चाहिए।’’

आरपीएन सिंह को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। आरपीएन सिंह पडरौना राजघराने से आते हैं जिनका इलाके में काफी प्रभाव है। वह 2009 में तत्कालीन पडरौना सीट से लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं और यूपीए- 2 सरकार में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।
आरपीएन सिंह 2 बार झारखंड के कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं. पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रही है. यही कारण कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम और आरजेडी के साथ गठबंधन कर कांग्रेस को 16 सीट दिलाने में कामयाब रहे हैं.

2017 में पहली बार बने प्रदेश प्रभारी

आलाकमान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह को पहली बार 2017 में झारखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का कमान सौंपे थे. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में इनके नेतृत्व में कांग्रेस ने राज्य में शानदार प्रदर्शन किया. पार्टी को 16 सीट मिली. वहीं, हेमंत सरकार में पार्टी के 4 विधायकों को मंत्री पद दिलाने में अहम भूमिका निभायी. इसके अलावा उनकी पहल पर जेवीएम से आये दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हुए थे. राज्य में कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने को देखते हुए आलाकमान ने उन्हें वर्ष 2020 में दूसरी बार प्रदेश प्रभारी का जिम्मा दिया था.

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