MP News:600 करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे भाजपा सांसद मीडिया से पीछा छुड़ाने लगा दी दौड़

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MP News:600 करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे भाजपा सांसद मीडिया से पीछा छुड़ाने लगा दी दौड़



MP News:600 करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे भाजपा सांसद मीडिया से पीछा छुड़ाने लगा दी दौड़ 


आलीराजपुर और झाबुआ क्षेत्र में फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं पाइप सप्लाई मटेरियल खरीदी में 600 करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर ने मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया को देखकर दौड़ लगा दी।

काफी इंतजार के बाद डामोर की अध्यक्ष से मुलाकात हुई। इसके बाद वे कार्यालय से बाहर निकले तो परिसर में मौजूद पत्रकारों ने उनसे बात करनी चाही, पर डामोर ने लगभग भागते हुए अंदाज में मीडिया से पीछा छुड़ाना चाहा।

जीएस डामोर रतलाम से भाजपा सांसद हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता पद से सेवानिवृत्त हुए डामोर पर फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना में कार्यपालन यंत्री रहते हुए 600 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगे थे। आलीराजपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले में लिप्त आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इस पर पुलिस ने सांसद गुमान सिंह डामोर, तत्कालीन कलेक्टर, पीएचई के कार्यपालन यंत्री सहित अन्य अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ विभिन्न् धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया है। बताया जाता है कि इसी मामले में पूछताछ के लिए सांसद को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने तलब किया था।


यह है मामला
भाजपा के झाबुआ-रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर, अलीराजपुर के तत्कालीन कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा, पीएचई के कार्यपालन यंत्री डीएल सूर्यवंशी, सुधीरकुमार सक्सेना और अन्य अधिकारियों के विरुद्ध न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अलीराजपुर अमित जैन द्वारा भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए सभी के विरुद्ध सूचना पत्र जारी कर दिए हैं। याचिकाकर्ता इंदौर (महू) के धर्मेंद्र शुक्ला ने आरोपियों के विरुद्ध करीब 600 करोड़ रुपए के घोटाले में लिप्त होने संबंधी समस्त प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत किए थे।

यह है आरोप

सांसद गुमान सिंह डामोर पर आरोप है कि जब वे इंदौर में कार्यपालन यंत्री फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना के रूप में पदस्थ थे, तब घोटोले हुुए। उन्होंने अलीराजपुर और झाबुआ क्षेत्र में फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं पाइप सप्लाई मटेरियल खरीदी और अन्य कई योजनाओं के करोड़ों रुपए के बिल स्वयं ही पास कर दिए थे। यह भी आरोप है कि आदिवासी क्षेत्र में कोई फ्लोरोसिस नियंत्रण का काम नहीं किया। इसके अंतर्गत क्षेत्र में ना तो हैंडपंप लगवाएं नहीं यूनिट स्थापना की गई।

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