सीधी:यातायात पुलिस की पोशाक पहन कर शहर में भ्रमण करने वालों पर कोतवाली पुलिस ने किया मामला पंजीबद्ध

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सीधी:यातायात पुलिस की पोशाक पहन कर शहर में भ्रमण करने वालों पर कोतवाली पुलिस ने किया मामला पंजीबद्ध

सीधी:यातायात पुलिस की पोशाक पहन कर शहर में भ्रमण करने वालों पर कोतवाली पुलिस ने किया मामला पंजीबद्ध
    
*सीधी ।*        पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत के कुशल निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले व उप पुलिस अधीक्षक गायत्री तिवारी के कुशल मार्गदर्शन एवं थाना प्रभारी कोतवाली हितेंद्र नाथ शर्मा के कुशल नेतृत्व में कोतवाली पुलिस ने यातायात पुलिस की पोशाक धारण करने हेतु दुष्प्रेरण करने वाले रामखेलावन रजक , यातायात पुलिस की पोशाक धारण करने वाले आरोपी रामराज पिता सुखदेव पनिका , सूर्यभान पिता बुद्धसेन साकेत व अन्य पर मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।
      आज दिनांक को थाना प्रभारी कोतवाली को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि कुछ लोग फर्जी यातायत पुलिस बनकर घूम रहे हैं । सूचना प्राप्त होते ही थाना कोतवाली के उप निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह राजपूत हमराह स्टाफ लेकर रवाना हुए एवं सराफा बाजार के पास पहुंच कर देखा तो रामखेलावन रजक रामराज पनिका एवं सूर्यभान साकेत तथा एक अन्य व्यक्ति ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहन कर घूम रहे हैं जो पुलिस को आता हुआ देख कर भाग गए । उक्त व्यक्तियों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र करते हुए लोक सेवक की वर्दी का दुरुपयोग कर सीधी जिले के विभिन्न स्थानों में अवैध गतिविधियों में संलिप्त होकर निरीह लोगों से उनकी संपत्तियों के आहरण करने का असफल प्रयास किया गया है। आरोपी गणों द्वारा यातायात पुलिस या पुलिस संगठन का वैध सदस्य ना होने के बावजूद पुलिस की पोशाक को धारण कर स्वयं को जनमानस के बीच पुलिस बता कर भ्रम की स्थिति उत्पन्न की गई है पुलिस की तत्परता से आरोपी गण अपने मंसूबों में सफल नहीं हो सके बल्कि पुलिस को देख कर भाग गए हैं जिनकी तलाश की जा रही है। पुलिस द्वारा ऐसे अन्य व्यक्तियों की पता तलाश की जा रही है जिन्होंने ऐसे व्यक्तियों को उक्त पोशाक धारण करने व अवैधानिक गतिविधियों में संलिप्त होने व समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने के लिए दुष्प्रेरण उत्पन्न करने के लिए दुष्प्रेरण के दोषी हैं ,अब तक की जांच पर उक्त आरोपियों के विरुद्ध थाना कोतवाली में  अपराध धारा 109,170,171,419,420,511,120,(B) आईपीसी के तहत दंडनीय पाए जाने से सभी के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

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