सीनियर सिटीजन को रेल किराए में छूट तत्काल शुरू की जाए,देश के खिलाड़ियों, युवाओं, पत्रकारों,किसानों और शहीदों की विधवाओं की भी छूट बहाल करें-अजय सिंह
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पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह का केंद्र की मोदी सरकार से आग्रह
सीधी ।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की है कि सीनियर सिटीजन की पन्द्रह माह से बन्द पड़ी रेल किराए में छूट को तत्काल शुरू किया जाए। इसके अलावा यह छूट देश के खिलाड़ियों, कलाकारों, अधिमान्य पत्रकारों, युवाओं, किसानों और शहीदों की विधवाओं को भी दी जाए।
अजयसिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना का हवाला देकर सीनियर सिटीजन को रेल किराए में छूट की सुविधा अचानक बन्द कर दी है। यह कहा गया था कि बुजुर्गो को सफर से रोकने के लिए रियायत बन्द की गई है जबकि इस दौरान करीब चार करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को मजबूर होकर पूरा किराया चुकाकर यात्रा करनी पड़ी। यह उनके साथ धोखेबाजी है। खासकर उनके साथ जो वाकई जरूरतमंद हैं। सीनियर सिटीजन होने पर महिलाओं को पचास प्रतिशत और पुरुषों को चालीस प्रतिशत छूट किराए में दी जाती थी।उन्होंने कहा कि रेलवे ने लगभग बयानवे प्रतिशत गाड़ियां फिर से शुरू कर दी हैं। परंतु राहत देने के मामले में लॉकडाउन जैसी पाबंदी लगा रखी है। यह ऐसा दुष्काल है जब हर कोई आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पूर्व में सीनियर सिटीजन के साथ युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों की विधवाओं, खिलाड़ियों, किसानों,पत्रकारों, युवाओं आदि को बरसों से छूट मिल रही थी। लेकिन कोरोना के नाम पर यह छूट वापस ले ली।
सिंह ने कहा कि शहीदों की विधवाओं को सेकंड क्लास श्रेणी और शयनयान में पचहत्तर प्रतिशत छूट मिलती थी। कृषि और औद्योगिक प्रदर्शनियों में जाने के लिए किसानों और श्रमिकों के लिए पचास प्रतिशत की छूट थी।इंटरव्यू के लिए जाने पर युवाओं को और स्काऊट गाइड्स को भी पचास फीसदी किराए में रियायत थी। पिछले साल 20 मार्च से यह छूट बन्द कर दी गई है।
अजयसिंह ने कहा कि रेल किराए में दी जा रही रियायत को बंद करने का कोई औचित्य नहीं था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव संसद में कह चुके हैं कि फिलहाल रियायतों को बहाल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मेरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह है कि रेल किराए में छूट दिए जाने के पीछे छिपी भावनाओं की कद्र करते हुए उन्हें फिर से लागू किया जाए।
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