सीधी: दुष्कर्म के आरोपी को सश्रम कारावास एवं अर्थदंड
माननीय तृतीय अपर सत्र न्यायालय सीधी द्वारा थाना बहरी के अपराध क्रमांक 215/18 म.प्र. शासन विरूद्ध विष्वनाथ साकेत पिता गणपति साकेत उम्र-60 वर्ष निवासी ग्राम देवगवां थाना बहरी जिला सीधी को धारा 376(1) भादवि में 14 वर्ष का सश्रम कारावास व 10000 रूपए अर्थदंड तथा धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रूपए अर्थदंड से जिला सीधी के प्रकरण में विचारण उपरांत दिनांक 11.10.2021 को दुष्कर्म के आरोप में दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।
मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि पीडिता अपनी मां के साथ दिनांक 01.07.18 को थाना बहरी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 26.06.18 को पीडिता अपनी नानी के घर से दिनांक 29.06.18 को वापस घर जाने के लिए चलकर करीब 2.00 बजे दिन बहरी आ गई थी और आरोपी विष्वनाथ साकेत साकिन भनवारी का जो जूता चप्पल पालिस करने का काम करता है, पीडिता आरोपी को पहचानती थी, जिससे उसके दुकान में बैठी थी। आरोपी पीडिता से बोला कि तुम मेरी नातिन हो मैं तुम्हें घर पहुंचाने चलंूगा, बैठाए रखा था। शाम को करीब 4.00 बजे आरोपी ने अपने दुकान बंद कर दिया और पीडिता को अपने घर देवगवां ले गया। उसके बाद आरोपी ने घर के किवाडी बंद कर दिया और बोला कि अब रात रूको सुबह चल कर तुम्हारे घर पहुचा देगे। उसके बाद रात में पीडिता के साथ 03 बार गलत काम (बलात्कार) किया। हल्ला गुहार करने पर आरोपी ने जान से मारने की धमकी दिया। अगले दिन फिर रात में पीडिता के साथ पुनः गलत काम (बलात्कार) किया। इसके उपरांत पीडिता की शिकायत पर पुलिस द्वारा धारा अंतर्गत 5एल/6 पॉक्सो एक्ट एवं भा.द.वि. की धारा 363, 366, 376(3), 376(2)एन, 506(2) के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 146/18 में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी *श्रीमती भारती शर्मा* द्वारा विचारण के दौरान शसक्त पैरवी की गई। अभियोजन साक्षीगण की उपस्थिति सुनिश्चित कराये जाने में कोर्ट मोहर्रिर आर. श्री शिरीष मिश्रा द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। विचारण पश्चात् अभियुक्त को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया।
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