जब जस्टिस धनंजय यशवंत ने अधिवक्ता को लगाई फटकार
नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट में वकील और जज के बीच किसी मुद्दे पर कड़ी बहस होना आम बात है। मगर बुधवार को यूनिटेक मामले की वर्चुअल सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट का माहौल बेहद गर्म और तनावपूर्ण हो गया। सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह आपा खो बैठे और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ‘कोर्ट कितनी कंपनियां चलाएगा? कोर्ट आम्रपाली चला रहा है, सुपरटेक चला रहा है, अब यूनिटेक में भी हाथ डाल रखा है।’ पीठ ने उन्हें कई बार शांत होने को कहा, मगर वे तेज आवाज में बोलते गए। यूनिटेक प्रमोटरों की ओर से सिंह दलीलें दे रहे थे। इस पर शांत स्वभाव के जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को भी गुस्सा आ गया। उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा, “आप कोर्ट पर इल्जाम लगा रहे हैं। आज आपकी भाषा क्या है? क्या ये कोर्ट में बात रखने का तरीका है? आपको पता है कि आपके इस व्यवहार का परिणाम पछतावे के रूप में भी हो सकता है।
जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ ने यूनिटेक प्रोमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा द्वारा तिहाड़ जेल से ऑफिस चलाने के मामले में सख्त आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा, इस मामले में शामिल तिहाड़ जेल अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की जाए। कोर्ट ने इस मामले में नामजद व अज्ञात लोगों के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। दरअसल, दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट के समक्ष इस मामले में रिपोर्ट दायर की थी। इसमें कहा गया कि इस मामले में शामिल जेल अधिकारियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 व 8 के तहत आपराधिक मामला पंजीकृत किया जाएगा।
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