पृथ्वीपुर उप चुनाव में कांग्रेस दिख रही मजबूत
भोपाल।
पृथ्वीपुर विधानसभा सीट को कांग्रेस से छीनने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है। कौन बनेगा एमएलए , इसकी चाबी यादव-कुशवाहा वोटर्स के हाथ में है। कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए पूर्व मंत्री स्व. बृजेंद्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र सिंह राठौर पर दांव खेला है। उन्हें सिम्पैथी वोट का सहारा है। साथ में बसपा के मैदान में नहीं होने का फायदा दिख रहा है। भाजपा ने शिशुपाल यादव को उम्मीदवार बनाया है, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पिछला चुनाव उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था।
पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में यहां यादव, ब्राह्मण और कुशवाहा वोटर सबसे अधिक हैं। अहिरवार वोटर की संख्या भी अच्छी खासी है। ठाकुर समुदाय के वोटर ज्यादा नहीं हैं। बावजूद इसके बृजेंद्र सिंह राठौर यहां से जीतते रहे। भाजपा ने अब यहां वंशवाद को मुद्दा बनाया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सभा के दौरान कहा- ये चुनाव महत्वपूर्ण है, अभी नहीं तो कभी नहीं। यह चुनाव कार्यकर्ता के सम्मान का चुनाव है। इस बार चूक गए तो 30 साल भूल जाना। वंशवाद को समाप्त करने का चुनाव है। शिवराज ने यह भी कहा- भाजपा में वंशवाद की जगह नहीं है। खंडवा देख लो, रैगांव देख लो, भाजपा ने वंशवाद को शह नहीं दी, बल्कि कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया। उनके काम के अनुसार ही पार्टी ने उन्हें टिकट दिया।
निवाड़ी विधानसभा सीट का हिस्सा रहे पृथ्वीपुर को 2008 में परिसीमन के बाद विधानसभा सीट बना दिया गया। 2008 से अब तक यहां तीन बार चुनाव हुए। 2008 और 2018 में कांग्रेस और 2013 में भाजपा ने जीत दर्ज की। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा है।
इस सीट पर 2018 में कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह राठौर ने जीत दर्ज की थी। वह अपने राजनीतिक करियर में 5 बार विधायक रहे और केवल एक ही विधानसभा चुनाव हारे। 1993 व 1998 में निवाड़ी सीट से निर्दलीय जीते। इसके बाद 2003 में कांग्रेस से निवाड़ी सीट का चुनाव जीता। निवाड़ी और पृथ्वीपुर सीट 2008 से पहले एक ही थी। 2008 और 2018 में जीतने के बाद कमलनाथ सरकार में मंत्री बने थे। बता दें बृजेंद्र सिंह राठौर का कोरोना से निधन हो गया था।
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