धूप तापते घड़ियाल देखने का अनूठा उपहार देता है चम्बल अभयारण्य,देश में घड़ियालों का है

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धूप तापते घड़ियाल देखने का अनूठा उपहार देता है चम्बल अभयारण्य,देश में घड़ियालों का है



धूप तापते घड़ियाल देखने का अनूठा उपहार देता है चम्बल अभयारण्य,देश में घड़ियालों का है 



लुभावने और सघन वन में बाघों का विचरण और तेंदुओं की चहलकदमी के साथ मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में धूप तापते घड़ियाल देखने का अनूठा अवसर पर्यटकों को सम्मोहित कर देता है। पूरे देश में घडियालों का रहवास है चंबल अभयारण्य। 

मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है और तेंदुओं की बड़ी संख्या के कारण लेपर्ड स्टेट भी कहलाने लगा है। वन्य-जीव संरक्षण और प्रबंधन के परिणाम-स्वरूप अब घड़ियालों की भी सघन उपस्थिति दर्ज हो गई है। चंबल नदी के धीमे-धीमे बहते पानी के किनारे रेत के प्राकृतिक रहवास में घडियालों को धूप तापते देखना अनूठा अवसर प्रदान करता है। 

चम्बल संभाग के मुरैना जिले में स्थित राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य में घड़ियाल, कछुए, डॉल्फिन और 181 प्रजाति के प्रवासी/अप्रवासी पक्षियों की मौजूदगी पर्यटकों को लुभाती हैं। बड़ी संख्या में वन्य जीव प्रेमियों का आना-जाना बना रहता है। पिछले दो साल में कोरोना जैसी महामारी के बावजूद ईको सेन्टर देवरी और चम्बल सफारी राजघाट पर 33 हजार पर्यटकों का आगमन हुआ। फलस्वरूप प्रबंधन को 2 लाख 20 हजार रूपये की आमदनी भी हुई। यह साबित करता है कि पर्यटकों के दिलो-दिमाग पर चंबल अभयारण्य ने अपनी अविस्मरणीय छवि छोडी हैं। 

वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे अधिक घड़ियाल चंबल अभयारण्य में उपलब्ध है। यहाँ उनका आदर्श प्राकृतिक रहवास है। चार दशक पहले घड़ियालों की संख्या समाप्त होने की दहलीज पर थी तब दुनिया भर में केवल 200 घड़ियाल ही बचे थे। इनमें से भारत में 86 और चम्बल नदी में तब 46 घड़ियाल की मौजूदगी से वन्य प्राणी वैज्ञानिकों का ध्यान विशेष रूप से गया।

घडियालों का आदर्श निवास

अभयारण्य का कुल क्षेत्र 435 किमी लम्बाई और चम्बल नदी की मध्य धार से एक कि.मी. चौड़ाई लिए हुए है। वर्ष 2021 की ताजा गणना में चम्बल नदी के प्राकृतिक क्षेत्र में 2176 घड़ियाल, 886 मगर, 82 डॉल्फिन और 181 प्रजाति के पक्षी पाए गए हैं।

देवरी में घड़ियाल प्रजनन केन्द्र स्थापित है। यहाँ घडियालों के अन्डों को हेचरी के रेत में 30 से 36 डिग्री तापमान पर रखा जाता है। इस दौरान अण्डों से कॉलिंग आती है। अण्डों से बच्चे निकलना शुरू हो जाते हैं। इनके बड़े होने पर उचित रहवास जल क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से छोड़ा जाता है। इस साल फरवरी माह में इस प्रजनन केन्द्र में पल रहे 25 घडियाल कूनो नदी में छोड़े गये। इस तरह अब तक 50 घड़ियाल छोड़े गए जिसमें 10 नर और 40 मादा घड़ियाल है। इनकी लम्बाई 120 से 150 से.मी. के बीच है।

पर्यटकों की पसंद

देवरी में स्थापित घड़ियाल पुनर्वास केन्द्र चम्बल राजघाट पर वोट सफारी से पर्यटकों को घड़ियाल, मगर, डॉल्फिन, कछुआ, पक्षी दर्शन एवं चम्बल घाटी दर्शन आकर्षण का केन्द्र है। अभयारण्य क्षेत्र में जलीय जीवों का विचरण पर्यटकों को आनंदित कर देता है। 

पर्यटकों के लिए सुगम आवागमन की व्यवस्था ईको पार्क देवरी मुख्य मार्ग पर स्थित है। राजघाट चम्बल सफारी मुख्य मार्ग से 2 कि.मी. उत्तर की ओर स्थित है। यहाँ निजी साधन से पहुँचा जा सकता है। दोनों क्षेत्र मुख्य मार्ग ए.बी.रोड मुरैना पर स्थित है।

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