समा प्रोजेक्ट के तहत आनलाइन मध्यस्थता से हुआ प्रकरणों का निराकरण
जबलपुर। ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क के माध्यम से संचालित समा प्रोजेक्ट के तहत आनलाइन मध्यस्थता से 482 प्रकरणों का निपटारा किया गया। उक्त प्रकरण 33 पुलिस थानों में संचालित ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क में दर्ज किए गए थे। प्रकरणों का निपटारा होने के बाद आवेदकाें व आरोपितों के बीच आई खटास दूर हो गई। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व संरक्षक मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण मोहम्मद रफीक द्वारा 10 जुलाई को पायलट प्रोजेक्ट समा का शुभारंभ किया गया था। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा की मौजूदगी में ई मीडिएशन के तहत समझौता कराने का प्रयास किया गया। ऊर्जा डेस्क में पारिवारिक विवाद, साधारण झगड़े, पडोसियों से विवाद, मकान मालिक एवं किराएदार का विवाद, सामाजिक झगडों एवं व्यापारिक विवाद सहित एक हजार 901 शिकायतों की जांच की जा रही थी। उक्त मामलों को ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क के माध्यम से आनलाइन मध्यस्थता के लिए भेजा गया था। जिसमें 218 पारिवारिक विवाद, 78 पड़ोसियों से संबंधित विवाद तथा 186 ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से संबंधित विवाद के प्रकरणों में समझौता कराया गया।
पुलिस अधीक्षक बहुगुणा ने बताया कि संपूर्ण प्रक्रिया गोपनीय रखते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण के अनुभवी मीडिएटर से समझौता कराया जाता है। ऊर्जा डेस्क के मध्यस्थता वाले प्रकरण को सात दिवस में आनलाइन मध्यस्थता से सुलझाया जाता है। दोनों पक्षकारों के बीच सौहार्द्रपूर्ण वातावरण स्थापित कर घर में रहते हुए फोन के माध्यम से विवाद निपटाए जा रहे हैं।
फैक्ट फाइल-
पुलिस थानों में संचालित ऊर्जा डेस्क की संख्या-33
ऊर्जा डेस्क में प्राप्त शिकायतें-1901
पारिवारिक विवाद के प्रकरण-218
पड़ोसियों से विवाद के प्रकरण-76
ससुराल पक्ष से प्रताड़ना के प्रकरण-186
राजीनामा से निपटे प्रकरण-482
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