मध्यप्रदेश की 1 लाख से अधिक शासकीय शालाओं में अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित,प्रमुख सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे गाँव-कस्बों के स्कूलों में
- तीन दिनों में लगभग 90 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकों से शिक्षक करेंगे संवाद
भोपाल।
शासकीय विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था में अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश की लगभग 1 लाख शालाओं में अभिभावक शिक्षक बैठकों का आयोजन प्रारंभ हुआ। प्रथम दिवस स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के स्कूलों का भम्रण कर विद्यार्थियों के अभिभावकों से चर्चा की और उन्हें बच्चों की शैक्षिक निरन्तरता बनाये रखने के लिये शासन द्वारा संचालित योजनाओं तथा प्रयासों से अवगत कराया। इसके साथ ही अभिभावकों को वर्तमान शैक्षणिक सत्र की शिक्षण पाठ्य योजना, अकादमिक योजना और उपलब्ध शैक्षिक संसाधनों की जानकारी भी सांझा की। श्रीमती शमी के साथ स्कूल शिक्षा विभाग की उप सचिव श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने भी राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय हायर सैकण्डरी स्कूल टीलाखेडी, शासकीय हाई स्कूल बरखेडा नाथू, शासकीय प्राथमिक शाला नांदिनी और शासकीय माध्यमिक शाला सिकन्दराबाद में अभिभावकों से भेंट की और अभिभावकों को विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री धनराजू एस अभिभावक शिक्षक बैठकों में सहभागिता के लिए रायसेन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के शासकीय माध्यमिक शाला दीवानगंज, एकीकृत माध्यमिक शाला अंबाडी, उच्चतर माध्यमिक शाला दीवानगंज और साँची विकासखंड के स्कूलों में पहुंचे। श्री धनराजू ने अभिभावकों से अपने बच्चों को घर में भी अध्ययन का वातावरण प्रदान करने का आग्रह किया और शिक्षकों को निरन्तर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के संपर्क में रहने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रतिदिन व्यक्तिगत और दूरभाष पर शैक्षिक जानकारियां प्रदान करें एवं 12 नवम्बर 2021 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे के लिए कक्षा 3, 5, 8 और 10वीं के विद्यार्थियों की शैक्षिक गतिविधियों पर विशेष ध्यान दें।
आयुक्त लोक शिक्षण श्री अभय वर्मा ने राजधानी भोपाल के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जहाँगीराबाद और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रशीदिया बरखेड़ी में विद्यार्थियों के अभिभावकों से संवाद कर उन्हें शासन के द्वारा संचालित शैक्षिक योजनाओं की जानकारियां प्रदान की।
राज्य शिक्षा केन्द्र के अपर संचालक श्री ओ. एल. मंडलोई ने होशंगाबाद जिले के प्राथमिक शाला बीटीआई, माध्यमिक शाला मालाखेडी विद्यालयों में आयोजित अभिभावक शिक्षक बैठकों में उपस्थितों को संबोधित किया। श्री मंडलोई ने अभिभावकों से संवाद करते हुए कहा कि कोविड-19 संकटकाल में बच्चे स्कूल से दूर रहे तो शासन ने उनकी शैक्षिक निरन्तरता के लिए हमारा घर हमारा विद्यालय" कार्यक्रम के तहत रेडियो स्कूल, टीवी क्लासरुम के साथ ही डिजीलैप कार्यक्रम का संचालन किया, जिसमें अभिभावकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब जब कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूल प्रारंभ किए जा रहें हैं तो अभिभावकों की भूमिका और अधिक बढ़ जाती है। आप बच्चों को अपनी सहमति देते हुए तय दिनों में नियमित तो भेजे ही साथ उन्हें घर पर भी नियमित अध्ययन करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, होशंगाबाद तथा माध्यमिक शाला खेडला में भी अभिभावक शिक्षक बैठकों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया।
प्रदेश में 15 सितम्बर से 17 सितम्बर तक आयोजित होने वाली बैठकों में सहभागिता के लिए प्रदेश की शासकीय शालाओं में अध्ययनरत् लगभग 90 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में अभिभावकों को उनके बच्चों के शैक्षणिक स्तर की जानकारी, वर्तमान सत्र के पाठ्यक्रम की जानकारी, उपलब्ध डिजिटल व ऑफलाइन सीखने के संसाधनों की जानकारी, शिक्षक-विद्यार्थी संपर्क की जानकारी, विद्यार्थियों के शिक्षण में पालकों की भूमिका की जानकारी, वर्तमान सत्र हेतु मूल्यांकन प्रक्रिया की जानकारी एवं कक्षा 1 से 5 और 6 से 8 के विद्यार्थियों हेतु विद्यालय खुलने की जानकारी के साथ ही 12 नवम्बर 2021 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे हेतु कक्षा 5, 5, 8 एवं 10 के विद्यार्थियों की तैयारी आदि जानकारियां अभिभावकों को प्रदान की गई।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 1 से 5 तथा कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के अभिभावकों को शाला समय में कोविड नियमों के पालन करते हुए आमंत्रित किया गया था। वहीं 16 सितंबर को कक्षा 6 से 8 के तथा कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के अभिभावकों को आमंत्रित किया गया है। जो अभिभावक किन्हीं कारणों से इन दिनों में शाला नहीं पहुंच पायेंगे वे 17 सितम्बर को भी अपनी सुविधा अनुसार तय समय में शाला आकर अपने बच्चे की शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी शिक्षकों से प्राप्त कर सकते है।
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