शहर में कचरों का लगा अंबार, सफाई व्यवस्था पर ध्यान दे प्रशासन

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शहर में कचरों का लगा अंबार, सफाई व्यवस्था पर ध्यान दे प्रशासन



शहर में कचरों का लगा अंबार,  सफाई व्यवस्था पर ध्यान दे प्रशासन 

शहडोल।
 जिला मुख्यालय में साफ सफाई की बात बेमानी हो गई है। यहां हर ओर कचरे का अंबार और इसके बीच रह रहे लोगों की समस्या से हर कोई परिचित है। जिम्मेदार लोग भी जानते हैं कि हालात क्या हैं पर अनदेखी कहें या हीलाहवाली जिसके तहत स्थिति में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। इन सब कारणों से ही शहडोल शहर स्वच्छता में नंबर वन नहीं आ पा रहा है और यही हाल रहा तो कभी टॉप 10 में भी नहीं आ पाएगा। जिला मुख्यालय के तालाबों की हालत बेहद खराब है लोग भी जागरूक नहीं हैं तो वहीं नपा का जिम्मेदार अमला और जनप्रतिनिधि भी आंखें मूंदकर रखे हैं। चौपाटी जहां पर हजारों लोग चाट फुल्की खाने के लिए रोज ही जाते हैं उसके ठीक पीछे स्थित सिटी टैंक में शहर के लोग ही कचरा डाल डालकर गंदा कर दिए हैं तो वहीं नगर पालिका के सफाई अमले ने भी इसे गंदगी से बचाने की कोई पहल नहीं की है। इसी तरह शहर के मध्य स्थित पौनांग तालाब, पॉलिटेक्निक कॉलेज के आसपास स्थित सभी पुराने तालाबों की स्थिति बदतर है। इनमें कचरा गंदगी फेंकी जा रही है और इसके चलते आसपास रहने वाले लोगों को बीमारी का खतरा बना हुआ है। जिला अस्पताल के पीछे जो डॉक्टर आवास बने हैं उनमें रहने वाले डाक्टर व नर्स स्टाफ को भी गंदगी के बीच रहना पड़ रहा है। आवास की बाउंड्री से ही गोबर व घरों से निकला अपशिष्ट यहां पर फेंका जा रहा है। जिला अस्पताल के पीछे आधा दर्जन लोग अपने घरों में डेयरी चला रहे हैं बड़ी मात्रा में गाय पाल कर रखे हैं जिनसे निकलने वाला गोबर मूत्र डॉक्टर आवास की बाउंड्री से सटाकर फेंका जा रहा है। वहींआवास परिसर में ही जिला अस्पताल से निकलने वाला कचरा डंप किया जा रहा है।

 इनका कहना है-

शहर के नागरिक के के खरे का कहना है -कि स्थिति को तीसरी लहर आने से पहले सुधारना होगा।
 छात्र नेता निशांत जोशी का कहना है- कि शहर के अंदर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। 
प्रोफेसर जी के शांडिल्य का कहना है -कि शहर के अंदर कचरा वाहन को नियमित वार्डों में घुमाया जाए।
 शहर की प्रभा नामदेव का कहना है -कि नियमित सफाई की जरूरत है जो नहीं हो पा रही है।

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