सायकल को बनाया रिक्शा,मां को तीर्थ यात्रा करा रहा कलयुग का श्रवण कुमार
छतरपुर।
त्रेतायुग के श्रवण कुमार के बारे में तो आपने ने सुना होगा, जिसने अपने माता-पिता को पालकी में बैठा कर तीर्थ यात्रा कराया था। कलयुग में भी एक गरीब का बेटा श्रवण का फर्ज निभा रहा है। सागर के संतकबीर नगर का रहने वाला मुरारीलाल कोरी अपनी 80 साल की बुजुर्ग मां को रिक्शे से तीर्थ दर्शन करा रहा है। मुरारी ने बताया कि अभी वो मैहर और चित्रकूट धाम के दर्शन कर वापस सागर जा रहे हैं। इससे पहले मई में मां को बांधकपुर, बारभान में गंगाजी का स्नान और बंट के ठाकुर बाबा के दर्शन के लिए ले गया था।
आठ साल की उम्र में ही मुरारीलाल के सिर से पिता का साया उठ गया था। मुरारी अपने तीनों भाइयों में सबसे छोटा है। उसके दोनों बड़े भाइयों की शादी हो चुकी है। अभी वो अविवाहित है। 38 साल के मुरारी ने एक साइकिल के जुगाड़ से रिक्शा बनाया। उसी रिक्शे से अपनी मां को तीर्थ दर्शन करवाने लेकर जाता है। मुरारी ने बताया कि मौसम खराब होने के चलते वो वापस चित्रकूट से सागर लौट गया है। मौसम ठीक होने के बाद मां को तीर्थ कराने ले जाऊंगा।
रोजाना 20 किलोमीटर रिक्शा चलाने वाले मुरारीलाल से उनकी मां प्रेम रानी खुश हैं। उनका कहना है कि तीर्थ दर्शन के सपने को मेरा बेटा सकार कर रहा है। रास्ते में बारिश होने के कारण हम लोग कहीं रुककर आराम कर लेते हैं। रास्ते में स्थानीय लोग हमारे खाने-पीने की व्यवस्था कर देते हैं। उन्होंने सभी मददगारों का धन्यवाद किया।
0 टिप्पणियाँ