लोको रनिंग स्टाफ ने मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
शहडोल ।
शहडोल के गुड्स ट्रेन पायलट (लोको रनिंग स्टाफ) ने अपने परिवार के साथ मंगलवार को रेलवे स्टेशन परिसर में धरना प्रदर्शन किया। इनका कहना था कि बिना मूलभूत आवश्यकता जैसे स्टाफ व परिवार के रहने के लिए निजी या रेलवे आवास, चिकित्सालय एवं विद्यालय, बाजार आदि के बिना खोंगसरा व लजकुरा जैसे अति पिछड़े एवं वन क्षेत्र में बिलासपुर मंडल रेल प्रशासन द्वारा जबरन पोस्टिंग की जा रही है। शहडोल से 7 लोको पायलट सहित कुल 45 रनिंग स्टाफ की जबरन खोंगसरा पोस्टिंग करने के विरोध में आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ के एसोसिएशन के बैनर तले शहडोल क्रू मुख्यालय के सामने में परिवारिक-धरना किया गया। इसके बाद रैली निकालकर उप मण्डलीय कार्यालय दपू मध्य रेलवे शहडोल के अधिकारियों को एक ज्ञापन भी दिया गया। रेलवे ड्राईवर के स्वजनों का कहना था कि हम जंगल में जाकर नहीं रहेंगे। बिलासपुर रेल मंडल अधिकारी अपना आदेश वापस लें। गुड्स ट्रेन के पायलटों ने बताया कि भारतीय रेल में एक लोको पायलट का काम संरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसकी एक छोटी सी चूक से सैकड़ों जिंदगियां व करोड़ों की संपत्ति की भारी क्षति हो सकती है। इसी कारण रेलवे की विभिन्न हाई पावर कमेटी द्वारा लोको रनिंग स्टाफ की मूलभूत आवश्यकताओं व सुविधाओं का विशेष ध्यान रखने का स्पष्ट सुझाव व निर्देश दिए गए हैं। इससे स्वस्थ तन-मन व मस्तिष्क से सुरक्षित एवं समय से ट्रेन प्रचालन सुनिश्चित हो सके और देश के आर्थिक विकास का पहिया सुचारु रूप से चल सके । लोको पायलटों ने कहा है कि वर्तमान में बिलासपुर रेल प्रशासन द्वारा अत्यंत ही अमानवीय, अन्यायपूर्ण, अतार्किक अनावश्यक कदम उठाते हुए खोंगसरा व लजकुरा जैसी छोटे से स्टेशनों पर बिना कोई व्यवस्था के 47 स्टाफ की पोस्टिंग का तुगलकी आदेश जारी किया गया है जिससे प्रभावित रनिंग कर्मचारियों के साथ साथ अन्य रेलकर्मियों में स्वयं व अपने परिवार के प्रति चिंता व भय के कारण मानसिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्वजनों का कहना था कि कोरोना महामारी जैसी विकट परिस्थिति में जहाँ ज्यादातर आम नागरिक ,अधिकारी व कर्मचारी भय से वर्क टू होम द्वारा घर मे सुरक्षित थे वहीं रनिग स्टाफ ने अत्यावश्यक साजो सामान जैसे कोयला,लोहा,अनाज, मेडिकल के सामान व आक्सीजन की अबाध आपूर्ति हेतु अपने व अपने परिवार की जान ोखिम में डालकर अन्य शहरों व राज्यों पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साथ ही साथ इसी महामारी के परिस्थिति में भी ोन के वार्षिक लदान में कीर्तमान स्थापित करने भी योगदान रहा है। इसके बाबजूद रेलवे प्रशासन द्वारा इस प्रकार के कार्यों से स्टाफ़ को प्रताडित किया जा रहा है।
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