जिले में सैकडों आंगनबाड़ी केंद्र भवन की हालात जर्जर, संचालन व्यवस्था हो दुरुस्त

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जिले में सैकडों आंगनबाड़ी केंद्र भवन की हालात जर्जर, संचालन व्यवस्था हो दुरुस्त



जिले में सैकडों आंगनबाड़ी केंद्र भवन की हालात जर्जर, संचालन व्यवस्था हो दुरुस्त 


शहडोल।

 दो साल से पांच साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में बुलाकर उनके पोषण आहार व शिक्षा की व्यवस्था महिला बाल विकास विभाग करता है। जिले के सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्र अभी जर्जर हालत में हैं और उनके सुधार का काम काफी धीमा चल रहा है। किसी भवन में दरवाजे जर्जर हालत में पहुंच गए हैं तो किसी की खिड़कियां टूट गई हैं और कहीं कहीं तो आंगनबाड़ी केंद्र की छत से बरसात में पानी टपकता है। प्रशासन की ओर से इनका सुधार किया जा रहा है पर काम काफी धीमा है। जर्जर हालत में भवन संचालित हो रहे हैं लेकिन कोरोना के कारण बच्चों को नहीं बुलाया जा रहा है यह अच्छी बात है। शहडोल जिले में अभी भी सारे आंगनबाड़ी केंद्र अपने भवन में नहीं हैं। 356 केंद्र दूसरे सरकारी भवनों में संचालित हो रहे हैं तो वहीं 275 किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं। महिला बाल विकास विभाग के पास अपने विभागीय भवनों की बात करें तो 968 हैं। सोहागपुर में 202,जयसिंहनगर में 183, ब्यौहारी में 156, बुढ़ार में 288, गोहपारू में 139 इस तरह से कुल 968 भवन विभागीय हैं बाकी सब किराए से या फिर अन्य शासकीय भवनों जैसे स्कूल में संचालित हो रहे हैं। जिले में 356 आंगनबाड़ी केंद्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। तकरीबन पौने छह सौ आंगनबाड़ी कें द्रों के और बनाए जाने की जरूरत है।
इस संदर्भ में शहडोल जिले के लोगों का कहना है कि जिले में आंगनवाड़ी संचालन की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिये। 

इनका कहना है-

बहुत सारे भवन विभागीय हो गए हैं। आज से कुछ साल पहले यह संख्या कम थी। जर्जर भवनों के सुधार का काम हो रहा है।

मेहताब सिंह गुर्जर
सीईओ जिला पंचायत शहडोल

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